मिट्टी भराई, बाउंड्रीवॉल व लेवलिंग के लिए सवा 4 करोड़ और लगेंगे
कोरिया बैकुंठपुर। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत सलका में 3 करोड़ 96 लाख रुपए की लागत से बने स्टेडियम का निर्माण 4 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। खिलाडिय़ों के लिए खेल सुविधा उपलब्ध होना तो दूर, ग्राउंड की लेवलिंग सहित स्टेडियम का कार्य बजट राशि की कमी से बंद पड़ा है। मौजूदा स्थिति यह है कि स्टेडियम का एक कोना करीब 7 से 10 फीट गहरे खाई में है। मैदान में कांटेदार झाडिय़ां और खरपतवार उग आई है। स्टेडियम का निर्माण पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने सवा 4 करोड़ का रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार किया है। यानी 2 करोड़ 66 लाख खर्च होने के बावजूद स्टेडियम पर सवा 4 करोड़ और खर्च होंगे। लापरवाही की हद यह है कि अफसरों को मालूम था कि जमीन समतल नहीं है, फिर भी उबड़ खाबड़ जमीन पर स्टेडियम बनाया गया। खिलाडिय़ों का कहना है कि इतनी राशि में सलका स्कूल ग्राउंड के स्टेडियम को बेहतर बनाया जा सकता था। स्कूल ग्राउंड मुख्य मार्ग से लगा हुआ भी है। शहरी क्षेत्र बैकुंठपुर की बात करें तो, यहां मिनी स्टेडियम व एसईसीएल ग्राउंड की स्थिति भी ठीक नहीं है। आए दिन आयोजनों के कारण मैदान में गड्ढे हैं। मिनी स्टेडियम में परेड व सरकारी कार्यक्रम के कारण गिट्टी व मुरूम डाल दी गई है। दोनों मैदान बदहाल पड़े हैं। स्टेडियम का एक कोना अब भी गहरे गड्ढे में ग्राम पंचायत सलका के उप सरपंच हितेश प्रताप सिंह ने कहा कि 13 नवंबर 2019 से चल रहे स्टेडियम का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है। 4 साल में पीडब्ल्यूडी स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं करा सकी है। स्टेडियम का कार्य करीब 85 फीसदी पूरा हो चुका है, लेकिन एक कोना अब भी गहरे गड्ढे में है। मैदान लेवलिंग के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को यहां रिटर्निंग वॉल बनाकर बड़ी मात्रा में मिट्टी फिलिंग करनी पड़ेगी। ग्राम सलका के खिलाड़ी उमेश राजवाड़े, मोहन राजवाड़े, अविनाश विश्वकर्ता, अनमोल एक्का व पारस नाथ विश्वकर्मा का कहना है कि वे स्कूल ग्राउंड में प्रैक्टिस करते हैं, लेकिन मैदान में भी कई जगह छोटे गड्ढे हैं। इसमें प्रैक्टिस में समस्या आती है। पंचायत में छोटे-बड़े आयोजन भी स्कूल ग्राउंड में ही होते हैं। इतनी राशि में स्कूल ग्राउंड को ही बेहतर बनाया जा सकता था। स्टेडियम निर्माण कार्य 4 साल से चल रहा है, लेकिन अब भी यह पूरा नहीं हो सका है। स्टेडियम के एक कोने में गहरी खाई है। वहीं मैदान भी समतल नहीं हो सका है। 4 साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा खिलाडिय़ों के लिए शहर से 5 किमी दूर ग्राम पंचायत सलका में हाइवे से लगकर सर्वसुविधा युक्त स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन 4 साल बीतने के बावजूद स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में शहर के खिलाड़ी दौड़ की प्रैक्टिस सड़क पर कर रहे हैं, तो कहीं खिलाड़ी खेतों में प्रैक्टिस को मजबूर हैं। शहर के मिनी स्टेडियम की जमीन इतनी उबड़-खाबड़ हो गई है कि युवाओं का दौडऩा मुश्किल है। खिलाडिय़ों का कहना है कि मैदान में दौडऩे से पैरों में मोच तक आ सकती है। सलका स्कूल ग्राउंड का भी यही हाल है। खिलाड़ी प्रैक्टिस को लेकर परेशान हैं। रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर रहे-ईई पीडब्ल्यूडी के ईई ने कहा कि प्रशासकीय स्वीकृति 506.09 लाख की मिली थी। ठेकेदार 20त्न बिलो पर काम कर रहा था। स्टेडियम निर्माण की लागत 396.09 लाख मंजूर हुआ था। अब तक 266 लाख का भुगतान हो गया है। रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर रहे हैं। पहले भी 841 लाख का एस्टीमेट गया है। जिसपर 506 लाख की स्वीकृति मिली थी। ग्राउंड समतल नहीं होने के कारण रिटर्निंग वॉल का निर्माण करवाना पड़ रहा है। मेन स्टेडियम का कार्य पूरा हो गया है। बचा हुआ कार्य एक महीने में पूरा हो जाएगा।