भोपाल, 20 जनवरी ।
सतना की सीमेंट फैक्ट्री के 16 सुरक्षाकर्मियों से साइबर धोखाधड़ी करने वालों ने देशभर में लगभग 2000 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की है। मध्य प्रदेश एटीएस की जांच में पता चला है कि ठगों ने सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जो खाते खुलवाए और जिनसे लाखों रुपये इधर से उधर किए गए, उन्हें देश के विभिन्न राज्यों में साइबर जालसाजों को बेचा गया। मामले की जांच कर रही पुलिस को बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों और खाड़ी देशों में इनके नेटवर्क का पता चला है। ठगी की राशि आतंकियों तक पहुंचने के संदेह में भी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सतना और जबलपुर जिलों में ही ठगों ने 450 से अधिक लोगों के म्यूल अकाउंट खुलवाए। इस प्रकार के अकाउंट में आमतौर पर किसी अन्य व्यक्ति या संगठन के पैसे जमा किए जाते हैं, जो अक्सर अवैध स्त्रोतों से आते हैं। ठगों ने किसान सम्मान निधि, वृद्धावस्था पेंशन, संबल योजना और बेरोजगारी भत्ता योजना जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय लाभ देने को वादा किया था।एक सुरक्षा गार्ड ने जालसाजों द्वारा खोले गए अपने बैंक खाते के विवरण के बारे में बैंक के कियोस्क से जांच की, तो वह जानकर हैरान रह गया कि उसके नाम के खाते से लाखों रुपये का लेन-देन हुआ। सतना में इसी सीमेंट इकाई के अन्य गार्डों के नाम पर खोले गए खातों में भी इसी तरह की धनराशि का पता चला।
साइबर ठगी के मामले में मध्य प्रदेश एटीएस ने छह संदिग्धों को सात जनवरी को गुरुग्राम (हरियाणा) में हिरासत में लिया था। इनमें बिहार के हिमांशु कुमार की हिरासत से कूदकर भागने के दौरान मौत हो गई थी। पांच को जबलपुर साइबर पुलिस लेकर आई थी, जिन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले में अब तक 23 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।जांच में पता चला कि सतना के कुछ स्थानीय लोगों के साथ जबलपुर के कुछ युवकों ने सीमेंट कारखाने के गार्डों से बैंकों के प्रतिनिधि बनकर संपर्क किया। उन्होंने उन्हें बैंक खाते खोलने के लिए राजी कर लिया। जालसाजों ने अपने फोन नंबर केवाइसी दस्तावेजों में दर्ज करवाए, ताकि खातों (म्यूल अकाउंट) की नेट-मोबाइल बैंकिंग का संचालन उनके पास ही रहे।