जाजगीर-चापा। साढ़े छह साल के भीतर सडक़ हादसों के 2 हजार 337 मामले सामने आ चुके है। इनमें से दुर्घटना के दौरान 2 हजार 22 लोग घायल हुए है। वहीं इस बीच 1 हजार 21 लोगों की मौत सडक़ हादसों में हुई है। इन सब के बावजूद कई वाहन चालक नियमों को ताक पर रखकर गाड़ी चलाते नजर आते है।
गौरतलब है कि पुलिस एवं यातायात जवानो के द्वारा सडक़ सूरक्षा सप्ताह के दौरान लोगों को सडक़ो पर चलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। वहीं वाहन का परिचालन सावधानी पूर्वक कहा जाता है। इनके बावजूद सडक़ हादसों में कही कोई कमी नजर आता दिखाई नहीं पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार साढे छह साल के भीतर सडक़ हादसो के 2 हजार 337 मामले सामने आ चुके है। इन हादसों के दौरान 2 हजार 22 लोग सडक दुर्घटना में घायल हुए है। वहीं 1 हजार 21 लोगों की मौत भी हुई है, लेकिन इसके बाद भी लोगों की लापरवाही कम नही हो रही है। आज भी लोग सडक़ो पर चलते समय कई लोग लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाते नजर आते है। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2019 में सडक़ हादसो के 456 मामले सामने आए थे। इस दौरान हादसों में 399 लोग घायल हुए वहीं 201 लोगों की मौत भी हुई। इसी प्रकार वर्ष 2020 में सडक़ हादसो के 380 मामले सामने आएं जिनमें हादसो के दौरान 324 लोग घायल हुए वही सडक़ हादसों में 152 लोगो की मौत भी हुई। वर्ष 2021 के सडक़ दुर्घटना के आंकडो पर नजर डाली जाए तो इस दौरान हादसो के 348 मामले सामने आए जिनमें दुर्घटना के दौरान 324 लोग घायल हुए जबकि सडक़ दुर्घटना में 176 लोग काल के गाल में समा गए। वर्ष 2022 में सडक़ दुर्घटना के 470 मामले सामने आए। हादसों के दौरान 423 लोग घायल हुए वही 211 लोगो की मौत सडक़ दुर्घटना में हुई। वर्ष 2023 में सडक़ दुर्घटना के 458 मामले सामने आए इस बीच हादसो में 398 लोग घायल हुए इनमें घटना के दौरान 184 लोगो की मौत भी हो चुकी है। वहीं वर्ष जनवरी 2024 के आंकडो पर गौर करे तो जनवरी से जुलाई माह तक की स्थिति में सडक़ दुर्घटना के 225 मामले सामने आए इस दौरान 195 लोग हादसो के शिकार भी हुए इनमें करीब 97 लोगों की मौत का मामला सामने आया है।