संभल, २६ नवंबर ।
जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को भडक़ी हिंसा सुनियोजित थी। घायल सीओ, डिप्टी कलेक्टर व पुलिसकर्मियों की ओर से सोमवार को 3,750 से अधिक लोगों के खिलाफ सात अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। दरोगा दीपक राठी की ओर से प्राथमिकी में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल व आठ सौ से अधिक अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। सांसद व विधायक पुत्र पर भीड़ को हिंसा करने के लिए भडक़ाने का आरोप है। 25 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। जामा मस्जिद के सदर जफर अली सहित दो सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, पूछताछ के बाद शाम को उन्हें छोड़ दिया गया। शहर में सोमवार को दूसरे दिन भी तनावपूर्ण स्थिति रही। तिराहे-चौराहों पर सन्नाटा छाया रहा। पुलिस, पीएसी व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान गश्त करते रहे। अधिकारियों के प्रयासों के बाद भी दहशतजदा व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलीं। इंटरनेट सेवा और स्कूल-कालेज मंगलवार को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के जुटने की आशंका के मद्देनजर 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।बीते 19 नवंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु जैन ने शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में पेश किया था। अदालत ने उसी दिन सर्वे कराए जाने का आदेश दिया था। 19 नवंबर को वीडियोग्राफी कराने के बाद टीम वापस आ गई थी।दूसरे चरण का सर्वे करने के लिए रविवार सुबह सात बजे एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव वादी व प्रतिवादी पक्ष के साथ मस्जिद पहुंचे और वीडियोग्राफी करानी शुरू की। इसी दौरान बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को रोका तो हिंसा भडक़ गई। पांच स्थानीय युवा नईम, बिलाल, अयान, कैफ और नोमान की गोली लगने से मृत्यु हो गई। हालांकि, चार की मौत की ही आधिकारिक पुष्टि हुई है। नोमान के परिजनों ने बिना कानूनी कार्रवाई के शव दफन कर दिया है। इसके अलावा, डिप्टी कलेक्टर, सीओ, एसपी के पीआरओ सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।चलाया धरपकड़ अभियान इसके बाद रविवार को रातभर और सोमवार को भारी पुलिस फोर्स के साथ अधिकारियों ने धरपकड़ अभियान चलाया। जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली को सोमवार शाम हिरासत में लिया गया। वह कोर्ट में मस्जिद की ओर से अधिवक्ता भी हैं। पुलिस ने नौ वीडियो फुटेज भी जारी किए हैं। उनके आधार पर आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है।बवाल करने वाले पूरी तैयारी से थे। उनके पास दोधारी खंजर भी थे। माना जा रहा है कि इसके लिए तैयारी कुछ दिन पहले ही की गई होगी। हिंसा के दौरान खदेड़े गए उपद्रवियों के जूते-चप्पल व अन्य सामान के साथ ही पुलिस को दोधारी खंजर जैसे हथियार मिले हैं। इसमें दोनों ओर चाकू की तरह तेज धार और बीच में पकडऩे के लिए मूठ बनाई गई है।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे दिखाया।पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि कानून से खिलवाड़ की अनुमति किसी को नहीं है। जिन्होंने संभल में हिंसा की है या जो लोग इसके पीछे हैं, उन्हें सरकार का बुलडोजर भी याद रखना चाहिए। अधिकारी यह संदेश अपराधियों तक पहुंचा दें।ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। बलवा करने वालों को किसी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।-कृष्ण कुमार विश्नोई, पुलिस अधीक्षक, संभल अब संभल में शांति-व्यवस्था कायम है। पूरे मामले में साजिश समेत अन्य पहलुओं की गहनता से जांच कराई जा रही है। संवेदनशील जिलों में खुफिया तंत्र को भी पूरी सक्रियता बरते जाने का निर्देश दिया गया है।