
नईदिल्ली, 0७ अगस्त [एजेंसी]।
इसे सामान्य मानसून कहें या असामान्य… साल भर में होने वाली वर्षा का 98 प्रतिशत हिस्सा अगस्त के पहले हफ्ते में ही बरस चुका है। जून, जुलाई में सामान्य से कहीं अधिक वर्षा हो चुकी है। हैरत की बात यह कि मौसम विभाग अब तक मानसून के सामान्य रहने का दावा कर रहा है।वहीं विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून जिस तरीके से बरस रहा है उसे सामान्य नहीं कहा जा सकता। मानसून और वर्षा का बदलता पैटर्न भी विचार विमर्श का मुद्दा बन गया है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली में पूरे साल के दौरान 774.3 मिमी बरसात होती है, लेकिन करीब सात माह के दौरान ही 762.4 मिमी बरसात हो चुकी है। यानी अब तक 98.5 मिमी वर्षा हो चुकी है।माहवार बात करें तो फरवरी को छोडक़र जनवरी से जुलाई तक के छह माह में हर महीने सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। अगस्त में भी अब तक सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। आईआईटीएम पुणे के जलवायु विज्ञानी डॉ. राक्सी कौल मैथ्यु के अनुसार, सामान्य मानसून की परिभाषा बदलने की जरूरत है। वर्षा का पैटर्न बदल गया है। अब मानसून के दौरान कभी अत्यधिक वर्षा होती है और कभी बहुत हल्की। इसीलिए उमस भरी गर्मी बढ़ती है।दूसरी तरफ जुलाई 2023 में देशभर में 13 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। जुलाई 2022 में भी देश भर में 16.8 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी। जून-जुलाई 2023 में पांच प्रतिशत अधिक बारिश् हुई है। इसी आधार पर मौसम विभाग ने अब तक मानसून को सामान्य कहा है, लेकिन इस साल हुई वर्षा सामान्य नहीं है।जून 2023 में 10 प्रतिशत कम बरसात हुई है। भारी वर्षा वाले दिनों की संख्या अधिक रही। इसलिए इसे सामान्य नहीं माना जा सकता।