बाराद्वार। सावन के अंतिम सोमवार को नगर के सभी शिव मंदिर सहित निकटस्थ बाबा भोलेनाध के प्रसिद्ध मंदिर तुर्रीधाम में शिव भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला। तुर्रीधाम में जल चढ़ाने के िलए भूर्सीडीह से भक्तों ने कावर में जल भरकर पैदल 8 किलोमीटर की यात्रा की।
फिर बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाया व मनोकामना मांगी। इसके अलावा कई भक्त लोटते हुए मंदिर में पहुंचे और जल अर्पित िकया। ज्यादातर भक्तों ने बाबा का दूध व जल से अभिषेक भी किया। सावन के अंतिम सोमवार के चलते तुर्रीधाम में भक्तों की अत्यधिक भी देखने को िमली। भारी संख्या में भक्तों ने लम्बी कतार में लगाकर तुर्रीधाम में जलाभिषेक किया व बाबा के दर्शन प्राप्त किया।
मंदिर परिसर सहित आसपास पुलिस ने भी चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी किरारी के शिव भक्तों द्वारा बाबा को जल चढ़ाने आए कांवरिए व दर्शनार्थियों के लिए निशुल्क सुबह नाश्ते का इंतजाम कर रखा था।
वहीं दोपहर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। तुर्रीधाम में बाराद्वार, सारागांव, चांपा, कोरबा, मड़वारानी, सक्ती, खरसिया, बेलपहाड, बरगढ़, सम्बलपुर, ओडिशा सहित दूर-दूर से शिव भक्तों ने पहुंचकर भगवान शिव को पूरे भक्तिभाव से पूजा अर्चनाकर जल अर्पित किया और मंगल कामनाएं मांगी। इसके अलावा सावन के अंतिम सोमवार को बाराद्वार नगर के बस स्टैण्ड, मारवाड़ी धर्मशाला के पास और राजीव चौक पर स्थित शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रही।
नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के सभी शिवालयों में बोलबम के नारों के साथ सावन के अंतिम सोमवार में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की गई।
सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक चला भंडारा मां मौहारी गोसाईन दाई सेवा समिति और किरारी के ग्रामीणों ने तुर्रीघाम में हनुमान मंदिर के बगल में सुबह 7 बजे से भंडारे का आयोजन किया। आयोजित समिति के सदस्यों ने बताया कि भगवान भोलेनाथ की प्रसिद्ध नगरी तुर्रीधाम में आए भक्तों के लिए सुबह 7 बजे से भण्डारे का वितरण शुरू किया गया, जो दोपहर 3 बजे तक संपन्न हुआ। इसमें भक्तों ने प्रसाद प्राप्त किया। भण्डारा स्थल के पास भजन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।