
गंगटोक, 0५ अक्टूबर । उत्तरी सिक्किम की ग्लेशियर झील साउथ ल्होनक के पास मंगलवार रात बादल फटने से तीस्ता नदी में उफान आने से अनेक लोग बह गए। देर शाम तक मिली सूचना के अनुसार सेना के 22 जवानों समेत 81 लोग लापता हैं, जबकि 10 शव मिले हैं। जलपाईगुड़ी के तीस्ता बैराज में भी तीन शव मिले हैं। शव सिक्किम से बहकर आए हैं। लापता और मरने वालों की संख्या बढऩे की आशंका है।राष्ट्रीय राजमार्ग 10 के कई जगह बह जाने से सिक्किम का सड़क संपर्क देश के शेष भाग से कट गया है। सिक्किम प्रशासन ने आपदा स्थिति घोषित की है। मुख्य सचिव वीएस पाठक ने कहा कि चार जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए अत्यधिक वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। इसका असर राहत एवं बचाव कार्य पर पड़ रहा।सड़कों और पुलों के बहने और संचार व्यवस्था ठप होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। उधर, सेना के प्रवक्ता ले. कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि तीस्ता किनारे बरदांग में सेना की स्थायी छावनी है। सेना के कुल 22 जवान लापता थे। एक को खोज लिया गया है। वह बरदांग सेना छावनी से 18 किलोमीटर दूर दनाग गांव के पास मिला। अन्य 22 की तलाश जारी है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सभी जवानों के स्वजन को सूचित किया गया है।अभी हम परिचय नहीं बता रहे। सिक्किम में तैनात अन्य सैन्य जवान एवं अधिकारी सुरक्षित हैं। गंगटोक से लगभग 73 किलोमीटर दूर उत्तर चीन सीमा से सटी ग्लेशियर झील ल्होनक पहले से भरी थी। दो दिन से बारिश हो रही थी। मंगलवार की देर रात करीब साढ़े 12 बजे के बाद झील के ऊपर बादल फट गया। प्रति सेकेंड 15 मीटर की गति से झील का जलस्तर बढ़ा और बांध टूट गए।इससे लाचेन घाटी से बहने वाली तीस्ता नदी का जल स्तर 15 से 20 फीट ऊंचा हो गया। आगे चुंगथांग डैम टूटने से नदी में पानी और बढ़ गया। इससे भारी तबाही हुई। सिक्किम के मंगन, पाक्योंग, नामची एवं गंगटोक जिलों में सर्वाधिक क्षति हुई है। तीस्ता किनारे फार्मास्यूटिकल कंपनियों और जलविद्युत परियोजनाओं के परिसरों में नुकसान हुआ है। तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लगभग 15 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।रंगपो में सर्वाधिक नुकसान, दर्जनों लापता पाक्योंग के जिलाधिकारी तासी छोपेल ने बताया है कि बादल फटने और नदी का जलस्तर बढऩे की सूचना मिलने पर रंगपो के नागरिकों को देर रात दो बजे के बाद सुरक्षित स्थानों के लिए निकाला गया, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अभी भी लापता हैं। रंगपो और सिंगताम के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 10 स्थित 21 माईल में सड़क पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।सिक्किम मणिपाल समेत दो शैक्षणिक संस्थान के छात्रों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रंगपो परिसर के सरकारी और निजी स्कूलों में राहत शिविर बनाए गए हैं। राहत और बचाव कार्य में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य संगठनों के लोग लगे हुए हैं। बुधवार सुबह राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।जलपाइगुड़ी में बढ़ा पानी, बंगाल में अलर्ट बाढ़ का असर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भी पड़ा है। वहां निचले इलाकों से 11 हजार लोगों को हटाया गया है। मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने बताया कि तीस्ता बैराज से तीन शव मिले हैं। उनकी पहचान नहीं हो पाई है। बंगाल में जलपाईगुड़ी प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नदी के निचले जलग्रहण क्षेत्र से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है।तामांग सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तामांग ने सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निगरानी रखने को कहा। इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस कठिन घड़ी में सरकार जरूरतमंदों के साथ है। हम उनको सभी आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।


















