प्रयागराज, 0७ नवंबर ।
खालिस्तान का नारा भारत के खिलाफ विदेशी षड्यंत्र है। भारत के सिख इसका विरोध करते हैं, लेकिन कुछ अराजक तत्व माहौल खराब करने के लिए खालिस्तान की बात करते हैं। सरकार को सतर्कता से इसका हल ढूंढना होगा। पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने उक्त बातें कही। स्वास्तिक गार्डन गद्दोपुर फाफामऊ, प्रयागराज में बुधवार को भक्तों की जिज्ञासाओं का समाधान करते उन्होंने कहा कि यदि पिछले 100 से 125 वर्षों के बीच के समय को देखा जाय तो भारत से पृथक (अलग) होकर नए देश बनने वालों की दुर्दशा हो रही है। एक प्रश्न के उत्तर में शंकराचार्य ने कहा कि मैं किसी राजनीतिक दल का न समर्थक हूं, न विरोधी। धर्म व राष्ट्र को लेकर जो जैसा करता है उसके अनुरूप बात करता हूं। धर्म और राजनीति से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि व्यासपीठ को दास बनाने का षड्यंत्र चल रहा है, जो अनुचित है। व्यासपीठ से राष्ट्र को दिशा मिलती है। चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गौरक्षकों को गुंडा कहा जाता है, जिससे गोकशी करने वालों और विरोधियों का मनोबल बढ़ता है। इस भाव को बदलने की जरूरत है।कहा कि हर हिंदू परिवार एक रुपया और एक घंटा समय नित्य निकालें। अपने क्षेत्र के मठ-मंदिर को केंद्र बनाकर उसमें धन व श्रम दान करें। इससे धर्म की रक्षा होगी। सिर्फ पेट और परिवार पालने तक हिंदू सीमित न रहें। समाज के उत्कर्ष के लिए सभी वर्णों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों में मंत्र बल और क्षत्रियों में बाहुबल की प्रधानता होनी चाहिए। इसमें सामंजस्य होगा तभी समाज की रक्षा हो सकेगी। इस अवसर पर स्वामी निर्विकल्पानंद सरस्वती, प्रफुल्ल महाराज, हृषिकेश ब्रह्मचारी, सत्येंद्र सिंह, बीपी सिंह, आचार्य रामानुज, आचार्य अजय पांडेय, विमल, प्रवीण नेगी, राजीव मिश्र राणा, दीपक शुक्ल, आकाश सिंह, मुन्ना सिंह, विवेक मिश्रा आदि उपस्थित रहे।