कोरबा । रेत तस्करी का कारोबार धड़ल्ले से जारी है . इस कारोबार पर अंकुश लगाने का दावा तो किया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। जो काम चोरी चुपके से होता था अब उसे समूह में किया जा रहा है।
कारण चाहै जो भी हो, रेत चोरों का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है ।कोरबा जिले के बाकी मोगरा क्षेत्र में रेत तस्कर खुलेआम अपना कारोबार कर रहे हैं ।गजरा घाट से रेत की अवैध निकासी हो रही है । रेत खनन और परिवहन को लेकर भले ही सरकार के द्वारा नियम कानून बनाए गए हैं लेकिन हर किसी को इसका पालन करना बिल्कुल जरूरी नहीं। और यही कारण है कि कोरबा जिले में हसदेव नदी इस प्रकार के गलत कार्यों के लिए सबसे बड़ा माध्यम बनी हुई है । बताया गया कि सुबह से लेकर देर रात तक रेत चोरी का यह कारोबार चलता है। ट्रैक्टर चालक और मालिक रेत चोरी के लिए बहती नदी से रेत निकालने के लिए एक ट्रैक्टर से दूसरे ट्रैक्टर को टोचन कर उसे पानी से निकालते कभी भी देखे जा सकते हैं।
चोरी का यह कारोबार खुलेआम चल रहा है। मौके पर अगर लोग जाएंगे तो उन्हें यह दृश्य देखने के लिए बहुत कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। कुछ देर में ही ट्रैक्टर से ट्रैक्टर को खींचकर रेत सहित बाहर निकलने का यह साहसिक कारनामा देखने को मिल जाएगा। लेकिन सरकार के सिस्टम को यह सब बिल्कुल नजर नहीं आ रहा है। कुसमुंडा क्षेत्र में एक पार्षद पुत्र के अलावा कई लोग रेत चोरी के इस काम में पूरी सक्रियता से लगे हुए हैं।