उन्नाव। साइबर थाना की टीम ने एक ऐसे हैकर को पकड़ा है, जिससे सरकार के सीआरएस पोर्टल को हैक कर औरास सीएचसी प्रभारी की दूसरी यूजर आईडी व पासवर्ड तैयार कर फर्जी तरीके से 23 जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए।फर्जीवाड़ा उस वक्त पकड़ में आया जब सीएचसी प्रभारी की आईडी पासवर्ड खुलना ही बंद हो गया। शिकायत पर साइबर थाना ने जांच के दौरान लखनऊ के एक युवक को पकड़ा है। आरोपी ने अक्टूबर माह से अब तक अलग-अलग जिलों के 55 जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की बात स्वीकार की है। उसने गिरोह में शामिल सहारनपुर के एक युवक का भी नाम बताया है।औरास सीएचसी प्रभारी डॉ. अनूप सिंह ने बताया कि एक अक्टूबर 2024 को उनके सीआरएस पोर्टल को हैक कर लिया गया। ऑपरेटर शिशिर विश्वास ने पोर्टल की लाग इन व पासवर्ड एरर बताने व दूसरी आईडी से ओटीपी आने व फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की जानकारी दी।
इस पर उच्चाधिकारियों को जानकारी देने के साथ औरास थाना में शिकायती पत्र दिया गया। औरास थाना पुलिस ने साइबर थाना जाने की सलाह दी। इस पर उन्होंने औरास थाना में 18 जनवरी को मुकदमा दर्ज कराया गया। बताया कि एक जनवरी से सात जनवरी तक कभी रात में दो बजे तो कभी सुबह छह बजे पोर्टल के जरिए फर्जी प्रमाण पत्र जारी होते रहे। इसके बाद उन्हें दूसरी यूजर आईडी व पासवर्ड जारी हो गया, जिस पर ऑपरेटर ने अपना काम शुरू किया। उधर, साइबर थाना की टीम ने सीएचसी प्रभारी डॉ. अनूप सिंह की शिकायत की जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस टीम ने लखनऊ निवासी अभिषेक गुप्ता को हिरासत में लिया। सीएचसी प्रभारी अनूप सिंह के अनुसार, हैकर ने यहां के पोर्टल को हैक कर 23 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए हैं, जिसमें तीन अक्टूबर को उसने लखनऊ अलीगंज के बनारसी टोला निवासी चार साल की राजवी उपाध्याय का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया है।
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि आरोपी अभिषेक गुप्ता ने सीएचसी औरास के अलावा आजमगढ़ व बहराइच में समेत अन्य जिलों के सरकारी पोर्टल को हैक कर करीब 55 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए हैं। सीएचसी औरास के पोर्टल से पांच जन्म प्रमाण पत्र जारी किए हैं। एसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी के पास 55 जन्म प्रमाण पत्र की छाया प्रति, सीआरएस पोर्टल की यूजर आईडी व पासवर्ड की छाया प्रतियां, दो लैपटाप, एक प्रिंटर, चार स्मार्ट मोबाइल व एक रजिस्टर बरामद कर गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेजा गया है। फर्जी तरीके से अब तक कितने प्रमाण पत्र जारी हुए, इसकी जांच कराई जा रही है।एसपी दीपक भूकर ने बताया कि जांच में जितने भी प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाए जाने की बात सामने आएगी, उनकी रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी जाएगी, जिसके बाद बनाए गए सभी फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों को निरस्त कराया जाएगा। उन्होंने सभी सीआरएस पोर्टल के ऑपरेटर से अपील की है कि यदि भविष्य में कभी भी इस तरह का कोई मामला प्रकाश में आए तो तत्काल जानकारी दें।