
अकलतरा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकलतरा में मरीजों को ओपीडी पर्ची कटवाने लंबी लाइन लगानी पड़ती है। धूप अधिक रहने से भी लाइन में लग कर पर्ची कटवाने काफी मशक्कत करना पड़ता है। पर्ची कटवाने वाली गर्भवती महिलाओं के भी बैठने की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाती कुछ स्टाफ ऐसे हैं जिन्हें मुख्यालय में रहना चाहिए एवं अपनी सेवा देना चाहिए वह मुख्यालय में नहीं रहकर बिलासपुर से आवाजाही करते हैं। वे देर से अस्पताल पहुंचते हैं जिससे मरीजों को समय पर प्राथमिक उपचार उपलब्ध नहीं हो पता । साथ ही मरीजों के स्वजन को उपचार के लिए भटकना पड़ता है।
शौचालय की सफाई देरी से होने पर गर्भवती महिलाओं को इसके इस्तेमाल में काफी दिक्कत होती है। अस्पताल में उपलब्ध सफाई स्टाफ पहले अकलतरा नगर की सफाई करता है उसके पश्चात अपनी सेवा अकलतरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देता है जिससे उसे सफाई करने में 10 से 11बज जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इनवर्टर एवं जनरेटर सेट लगा तो है परंतु लाइट जाने पर इसका उपयोग नहीं हो पा। कुछ दिन पूर्व भी ऑपरेशन से प्रसव कराने महिला भर्ती हुई थी। परंतु अकलतरा नगर में मेंटेनेंस के चलते लाइट गोल होने की वजह से जनरेटर एवं सोलर सिस्टम की लाइट होने के पश्चात भी उसे डिलीवरी के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ा जिससे उन्हें परेशानी हुई। स्वजन को भी इस चिलचिलाती गर्मी में 20 किलोमीटर दूर उपचार के लिए जाना पड़ा।
अकलतरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए टीवी के मरीज आते है परंतु दवा की उपलब्धता काफी समय से पर्याप्त मात्रा में नहीं है। जिससे टीबी के मरीजों को भी दवा के लिए अस्पताल के बार-बार चक्कर लगाना पड़ता है । अस्पताल परिसर के आसपास गंदगी पसरी रहती है। डीडीटी पाउडर का छिडक़ाव नहीं होता। सफाई का अभाव रहता है। मरीज को इस भीषण गर्मी में उपचार के लिए अकलतरा के विभिन्न गांवों से आना पड़ता है शुद्ध पेयजल मरीज एवं स्वजन को नहीं मिल पाता । तेज धूप की वजह से टंकी का पानी गर्म हो जाता है ।जो कि पीने योग्य नहीं रह पाता । स्वजन को अस्पताल से बाहर अन्यत्र जाकर बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को गर्म पानी उपलब्ध नहीं होता। अपने साधन से ही उन्हें गर्म पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। परिसर में कैंटीन नहीं होने से मरीजों के स्वजन को नाश्ता एवं खाना परिसर में उपलब्ध नहीं हो पाता ।साथ ही रात्रि कालीन दवा लेने भी स्वजन को निजी मेडिकल स्टोर के चक्कर लगाना पड़ता है। एक्सपायरी दवाई का निपटान प्रबंधन उचित नहीं होने से जगह-जगह एक्सपायरी दवाइयां पड़ी हैं जो कि प्रबंधन की घोर लापरवाही उजागर करती है 108 एवं 102 के कर्मचारियों को अस्पताल परिसर में ही रूम देने के पश्चात भी पुराना थाना के पास 108 की गाडिय़ां रखकर वहीं आराम फरमाते हैं जिससे मरीजों को लगता है कि 108 वहां अकलतरा में नहीं है। 108 के चालक भी मरीज को कॉल करने पर एक घंटा बाद उपलब्ध होगा ऐसा करके भ्रमित करते हैं।
जिससे लेट लतीफ के चलते लोगों को निजी एंबुलेंस से की सुविधा लेनी पड़ती है। जिससे मरीजो का आर्थिक नुकसान होता है। विभिन्न दुर्घटनाओं में 112 को जानकारी प्राप्त होने पर भी 108 सुविधा का लाभ ना लेकर निजी एंबुलेंस को जानकारी देकर बुलाया जाता है जिससे रेफर मरीज को अन्य बुनियादी सुविधाएं 108 की एंबुलेंस की तुलना में नहीं मिल पाती हैं जिससे मरीजों को घायल अवस्था में भी आर्थिक नुकसान वहां उठाना पड़ता है ।घायल मरीजों को भी तत्काल प्रभाव से मलहम पट्टी की सुविधा ही मिल पाती है और अधिक सुविधा के लिए उन्हें तत्काल रेफर लेटर बनाकर हाथ में थमा दिया जाता है। अकलतरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की उपलब्धता होने के पश्चात भी इस प्रकार रेफर किया जाना समझ से परे है।
जीवनदीप समिति की आगामी बैठक में यह बात रखी जाएगी कि पोस्टमार्टम में प्रयुक्त सामग्री कफन का कपड़ा ,पन्नी ग्लब्स ,सर्जिकल आइटम आदि का खर्चा जीवनदीप समिति के माध्यम से वहन किया जाए ताकि स्वजन को दुख की घड़ी में आर्थिक भार वहन न करना पड़े।
राघवेंद्र सिंह
विधायक अकलतरा क्षेत्र