नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि इससे एक मिसाल कायम होगी। यदि वे इस्तीफा देते हैं तो भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को ममता बनर्जी और एमके स्टालिन सहित विपक्षी मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाने की खुली छूट मिल जाएगी और यह लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। साथ ही कहा कि कि वह जेल से मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में केजरीवाल को एक जून को अपनी अंतरिम जमानत समाप्त होने के बाद तिहाड़ जेल वापस जाना होगा। उन्हें ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। भाजपा तभी से उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। उधर, केजरीवाल और उनकी पार्टी ने भाजपा सरकार पर उन्हें, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने कहा- ”मैंने आयकर आयुक्त के पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की झुग्गियों में काम किया। जब मैंने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के 49 दिनों के भीतर (2013 में) पद छोड़ दिया था तो किसी ने मुझसे इस्तीफा नहीं मांगा था। एक तरह से मुख्यमंत्री की कुर्सी को मैंने लात मार दी जबकि कोई चपरासी की नौकरी भी नहीं छोड़ता। ‘ उन्होंने कहा कि मैंने इस बार जानबूझकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि यह मेरी लड़ाई का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश रची क्योंकि उन्होंने देखा कि आप को दिल्ली में हराया नहीं जा सकता।सीएम ने कहा- ”उन्होंने मुझे गिरफ्तार करवाया ताकि मैं इस्तीफा दे दूं और मेरी सरकार गिर जाए। लेकिन मैं उनकी साजिश को सफल नहीं होने दूंगा। यह पूरा मामला (आबकारी घोटाला) फर्जी है।” उन्होंने कहा कि अगर मैंने कुछ भी गलत किया होता और पैसा लिया होता तो मैं शायद भाजपा में चला जाता और मेरे सारे पाप माफ हो जाते। केजरीवाल ने कहा कि जहां भी भाजपा चुनाव हारेगी, विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिर उनकी सरकारें गिरा दी जाएंगी, जो लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है।