जशपुरनगर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के फरसाबहार ब्लाक के दोनों स्वर्ण खदानों के उत्खनन की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनिल गुप्ता ने बताया कि बीते कुछ दिनों से फरसाबहार ब्लाक में स्वर्ण उत्खनन की झूठी अफवाह फैलाकर स्थानीय रहवासियों को गुमराह किया जा रहा था। इससे पूरे क्षेत्र की कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। अप्रिय घटना होने की आशंका होने लगी थी। इसे देखते हुए सोमवार को सीएम कैंप कार्यालय बगिया में भाजपा जिलाध्यक्ष सुनिल गुप्ता की अध्यक्षता में पार्टी पदाधिकारियों की आपात बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष देवशरण साय, वेदप्रकाश भगत, कपलेश्वर सिंह सहित पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे। बैठक में स्वर्ण उत्खनन को लेकर उत्पन्न परिस्थितियों पर गंभीरता से विचार किया गया। विचारोपरांत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को प्रेषित कर स्वर्ण उत्खनन की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने का अनुरोध किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने भौमिक और खनिकर्म विभाग को जिले के दोनों स्वर्ण ब्लाक मेंडरबहार-भगोरा और बनगांव में उत्खनन की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के संयुक्त संचालक अनुराग दीवान ने 30 जुलाई को जारी किए गए निविदा को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। सुनिल गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आम जनता और गरीबों की सरकार है। सरकार का लक्ष्य प्रदेश और प्रदेशवासियों का विकास करना है। इसलिए संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वर्ण उत्खनन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। सुनिल गुप्ता ने कहा कि उन्होनें पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि जिले में किसी भी स्थिति में स्वर्ण उत्खनन नहीं होगा। भाजपा हमेशा से कहती रही है कि जिले में वन और पर्यावरण को प्रभावित करने वाला कोई भी उद्योग स्थापित करने की अनुमति किसी भी कीमत में नहीं दी जाएगी। जिले को छत्तीसगढ़ का आक्सीजोन बनाने का दिलीप सिंह जूदेव का सपना अवश्य पूरा होगा। जनभावनाओं के अनुरूप त्वरित निर्णय लेकर कार्रवाई करने के लिए जिलाध्यक्ष सुनिल गुप्ता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है। सरकार द्वारा स्वर्ण उत्खनन के लिए निविदा जारी किए जाने के बाद से फरसाबहार ब्लाक में बवाल मचा हुआ था। पांच दिन पूर्व फरसाबहार में स्थानीय रहवासियों ने रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन किया था। वहीं फरसाबहार थाना क्षेत्र के भगोरा गांव में स्वर्ण उत्खनन के लिए निविदा भरने से पूर्व सर्वेक्षण के लिए महाराष्ट्र के नागपुर से आए निजी कंपनी के कर्मचारियों को ग्रामीणों की भीड़ ने घेर लिया था। पुलिस प्रशासन ने घंटों मेहनत के बाद कर्मचारियों को उग्र भीड़ से सुरक्षित निकाला था। इसी प्रकार 7 सितंबर को तुरियालगा गांव में पश्चिम बंगाल के कोलकाता से आय भू विज्ञानियों के दल को भी स्वर्ण सर्वेक्षण के संदेह में घेर लिया था। इन विज्ञानियों को जब पुलिस ने थाना में सुरक्षित किया तो भीड़ ने फरसाबहार थाना के बाहर नारेबाजी की थी।