कोरबा। सिविल लाइन पुलिस थाना क्षेत्र में चोरों की मौज हो गई है। एएसआई राकेश गुप्ता के आवास को निशाना बनाने के तीन दिन बाद चोरों ने एनसी-59 में आलमारी तोडक़र कई सामान पार कर दिए। बताया जा रहा है कि जेवरात और नगदी सहित कई सामानों की चोरी की गई है। हैरान करने वाली बात है कि हालिया घटना को लेकर पड़ोसी बेखबर है।
छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड के द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को सुविधा देने के लिए कोरबा में आवासीय कालोनी विकसित की गई है। कोरबा ईस्ट स्थित कालोनी का बड़ा हिस्सा सिविल लाइन थाना क्षेत्र में स्थित है। इसके आवास संख्या एनसी-59 में बीती रात्रि चोरी की घटना हुई। चोरों ने यहां ताला तोडक़र भीतर प्रवेश किया और आलमारी को निशाना बनाने के साथ महंगे सामान पर हाथ साफ कर दिया। भीतर रखे दूसरे उपयोगी सामानों को आसपास में बिखेर दिया और चलते बने। आज सुबह कुछ लोगों को जानकारी तब हुई जब उन्होंने ताला टूटा पाया। इस बारे में पुलिस को अवगत कराया गया। शुरुआती तौर पर यह बात स्पष्ट हुई कि पड़ोस में रहने वाले लोगों को इस बारे में कुछ पता नहीं है। और तो और वे यह भी नहीं बता पाए कि जहां चोरी हुई है उसमें रहता कौन है। खबर के मुताबिक चोरी की घटना वाले आवास का मालिक परिवार के साथ कुछ दिन से बाहर है। इससे अंदाज लगाया जा रहा है कि इलाके में सक्रिय चोर गैंग यहां की पूरी जानकारी रख रही होगी और उसके बाद मौका पाकर घटना को अंजाम दे डाला। मकान मकान के कोरबा आने पर इस दिशा में अगली कार्रवाई होने की उम्मीद है। लेकिन कालोनी में चोरी की घटनाओं ने लोगों को हलाकान कर रखा है। बताया गया कि एनसी-59 से महज 100 मीटर दूरी पर पुलिस के एएसआई राकेश गुप्ता का परिवार निवासरत है जिनके यहां तीन दिन पहले चोरी हुई थी और उन्हें लाखों की चपत लगी।
सामाजिकता में भारी कमी
औद्योगिक नगर कोरबा की बस्तियों में लोगों के बीच गजब का मेलजोल है जो एक-दूसरे के साथ बेहतर तानाबाना बनाए हुए हैं। इसके ठीक उल्टे कालोनियों का हालचाल बिल्कुल विपरित है। उच्च स्तरीय जीवनशैली के चक्कर में सामाजिकता का गुण कहीं न कहीं हासिए पर जा रहा है। अपने काम से मतलब रखने के चक्कर में स्थिति ऐसी हो रही है कि लोगों को पड़ोसियों की कोई खैर खबर नहीं है।