रायपुर, 0७ अगस्त ।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) फर्जीवाड़ा केस में सीबीआई ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई समेत छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में छापेमारी की है। यह छापेमारी सीजीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के तहत की गई है। सीबीआई की टीम ने बुधवार सुबह राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई अन्य जिलों में छापेमारी की। सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा बरामद किए हैं। वहीं सीबीआई की टीम ने राजभवन के पूर्व सचिव अमृत खलको के रायपुर के स्वर्णभूमि स्थित आवास पर छापेमारी की है। राजभवन के पूर्व सचिव के बेटे और बेटियों का भी छत्तीसगढ़ राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2021 में चयन हुआ था। सीबीआई की इस कार्रवाई ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी है और इससे सीजीपीएससी द्वारा कराए गए परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों ने घोटाले की गहराई से जांच करने का आश्वासन दिया है और इस मामले में जल्द ही ठोस कदम उठाए जाने की बात कही है। छत्तीसगढ़ में सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर अब तक दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यह मामला बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में दर्ज किया गया है। सीजीपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए शासन के निर्देश पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने भी केस दर्ज किया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा 2021 के अंतर्गत 170 पदों की चयन सूची 11 मई 2023 को जारी की गई थी। इसमें टॉप-15 नामों में भाई-भतीजावाद का आरोप लगा है। 17 मई को भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर पीएससी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। वहीं पीएससी भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की टीम बुधवार तडक़े तिफरा निवासी कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर पहुंची है। टीम के सदस्य पीएससी घोटाले से जुड़े दस्तावेज की जांच कर रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस नेता के मकान की तलाशी ली जा रही है।
तिफरा में रहने वाले कांग्रेस नेता और जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का चयन पीएससी के माध्यम से सांख्यिकी अधिकारी के पद पर हुआ है। इसके साथ ही कांग्रेस से जुड़े कई नेताओं और राज्य शासन के अधिकारियों के रिश्तेदारों का भी चयन हुआ है। तब विपक्ष में रही भाजपा ने परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसके साथ ही मामले की जांच की मांग की। भाजपा की सरकार आते ही मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया। सरकार ने मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। भाजपा नेताओं ने कई अधिकारियों और कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठाए हैं। अब सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। इसमें कई नेताओं और अधिकारी सीबीआई की लिस्ट में शामिल है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।