नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बजने के बाद कांग्रेस-एनसीपी शरद पवार और शिवसेना यूबीटी के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे की रस्साकशी भी चरम पर पहुंच गई है। शिवसेना यूबीटी सीटों की दावेदारी को लेकर कांग्रेस पर दोहरा दबाव बनाने की कोशिश कर रही है मगर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह बहुत गुंजाइश देने को तैयार नहीं हैं। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों के जिस फार्मूले पर सहमति बनाए जाने के संकेत हैं उससे साफ है कि इस गठबंधन में कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका में रहते हुए सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शिवसेना यूबीटी 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले अधिक सीटों पर लड़ी थी मगर उसकी जीत का स्ट्राइक रेट उससे कम रहा था।
राजनीतिक समीकरणों की कसौटी पर तीनों पार्टियां चुनाव लड़ेंगी
कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों के अनुसार विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र के क्षेत्रीय राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों की कसौटी पर गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। ऐसे में कांग्रेस या एनसीपी पवार के प्रभाव क्षेत्र और जीत की संभावनाओं वाली कुछ सीटों पर शिवसेना यूबीटी की दावेदारी स्वीकार करना मुश्किल है। उद्धव की पार्टी इसे बखूबी समझ रही है और इसलिए संजय राऊत जैसे अपने नेताओं के सार्वजनिक बयानों के जरिए दबाव बना रही है।