
रायपुर, 0४ अगस्त [एजेंसी]।
लंबी दूरी की ट्रेनों की लेटलतीफी की वजह से भरी बरसात में यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। मुंबई-हावड़ा मेल समेत 12 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनें पिछले कई दिनों से रोजाना तीन से पांच घंटे लेट रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंच रही हैं। कई बार ट्रेन अधिक लेट होने पर रद भी कर दी जा रही है। इससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ जाती है। आलम यह है कि अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें निर्धारित समय पर यात्रा पूरी नहीं कर रही है।रेलवे प्रशासन ट्रेनों की लेटलतीफी को दूर ही नहीं कर पा रहा है। इससे यात्रियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रायपुर रेलवे स्टेशन से रोजाना करीब 120 ट्रेनें आवाजाही करती हैं। इनमें से अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें पिछले कई महीने से घंटों लेटलतीफी की शिकार हैं। बारिश के दिनों में भी यह सिलसिला जारी है। ऐसे में स्वजन के साथ यात्रा करने वाले यात्री हलाकान हैं। स्टेशन पर उन्हें सात से आठ घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।इतना ही नहीं, बीच रास्ते में भी ट्रेनों को कहीं भी एक से डेढ़ घंटे तक रोक दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि मालगाडिय़ों को प्राथमिकता देने के कारण यात्री ट्रेनों की यह स्थिति बनी है। अकलतरा-चांपा में मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाने का असर पिछले सप्ताह भर से लोकल ट्रेनों के साथ ही कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ा है। मुंबई-हावड़ा मेल को रद तक करना पड़ा। वहीं इसके कारण छह से अधिक ट्रेनें घंटों देरी से स्टेशन पहुंचीं। रेलवे प्रशासन हर दिन ट्रेनों के लेट आने और जाने का रिकार्ड दर्ज कर रहा है। बावजूद इसके अधिकारी कोई सुधार नहीं कर पा रहे हैं। सबसे अधिक प्रभाव मुख्य-हावड़ा-मुंबई मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनें पर पड़ा है। लंबी दूरी तय करने वाली अधिकांश ट्रेनें तीन से पांच घंटे देरी से स्टेशन पहुंच रही हैं। रेलवे के अनुसार सोमवार को हावड़ा-कुर्ला एक्सप्रेस, इंटरसिटी, आजाद हिंद, जनशताब्दी, छत्तीसगढ़, मुंबई मेल, नवतनवा समेत कई अन्य ट्रेनें ऐसा कोई भी दिन नहीं है जब लेट नहीं हुई हों। लोकल व मेमू भी लेटलतीफी की शिकार लंबी दूरी के एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेनों के अलावा कई लोकल व मेमू ट्रेनें भी अपने निर्धारित समय से घंटों विलंब से चल रही हैं। इतवारी मेमू, गोंदिया-रायपुर, रायपुर-इतवारी समेत अन्य ट्रेनें भी औसतन एक से डेढ़ घंटे देरी से रोजाना रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंच रही हैं।वहीं इस मामले में रेलवे के अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर का काम चलने के कारण ट्रेनें लेट से आ-जा रही हैं। काम पूरा होते ही समय में सुधार हो जाएगा।