
पेरिस, २७ अक्टूबर।
इजरायल के ईरान पर हालिया हमले ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अगर ईरान भी जवाबी हमला करता है तो मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर युद्ध का संकट छा जाएगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब इजरायल ने ईरान को निशाना बनाया है। वह पहले भी अलग-अलग तरीकों से ईरान पर हमले करवाता रहा है। इसमें हिटजॉब, यानी गुप्त तरीके से हत्या करवाने से लेकर तोडफ़ोड़ और साइबर हमलों तक शामिल रहे हैं। ईरान के खिलाफ कई ऐसे हमलों के लिए या तो इजरायल को दोषी ठहराया गया है या उसने खुद ही इसकी जिम्मेदारी ली है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार इजरायल की नजर ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉप्र्स और तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर है। एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे ही पिछले कुछ वर्षों में इजरायल द्वारा किए गए हमलों का उल्लेख किया है। इजरायल पर ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष सदस्यों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है। इसके ज़्यादातर प्रयास देश की सीमाओं के बाहर किए गए हैं। इनमें हाल ही में मारे गए लोगों में 27 सितंबर को बेरूत के उपनगरीय इलाके में एक इजरायली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के साथ मारे गए एक जनरल शामिल हैं। इससे पहले 1 अप्रैल, 2024 को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास भवन पर इजरायल पर आरोप लगाए गए हवाई हमले में, रिवोल्यूशनरी गार्ड के सात सदस्य मारे गए, जिनमें दो शीर्ष रैंक के थे। हाल ही में हुई हत्याएं इस लंबी सूची में लेटेस्ट हैं।इजरायल पर कई उच्च पदस्थ ईरानी फिजिसिस्ट की टार्गेटेड हत्या कराने का भी आरोप लगाया गया है, जो अक्सर तेहरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े होते हैं। उनमें परमाणु भौतिक विज्ञानी मोहसेन फखरीजादेह भी शामिल हैं, जिनकी नवंबर 2020 में हत्या कर दी गई थी और उनकी मृत्यु के बाद उन्हें रक्षा उप मंत्री के रूप में पेश किया गया था।नतांज परमाणु स्थल पर काम कर रहे वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन और ईरान के परमाणु समाज के संस्थापक माजिद शाहरियारी, साथ ही कण भौतिकी के प्रोफेसर मसूद अली मोहम्मदी पिछले कुछ वर्षों में मारे गए अन्य लोग थे।
ईरान के सहयोगियों ने भी पाया है कि तेहरान हमेशा सुरक्षित आश्रय नहीं होता है। हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की 31 जुलाई को ईरान की राजधानी में एक हमले में हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप इजरायल पर लगाया गया था। वह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान में थे। मार्च 2021 में, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिका और मध्य पूर्व के अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि 2019 में इजरायल ने सीरिया जाने वाले कम से कम एक दर्जन जहाजों को निशाना बनाया था और ज्यादातर मामलों में ईरानी पेट्रोल ले जा रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल ने हमले में पानी के नीचे की खदानें लगाई थीं।
पूरे 2021 में, इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर नौसैनिक तोडफ़ोड़ का आरोप लगाया।
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