नईदिल्ली, 0४ नवंबर । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (3 नवंबर) को कहा कि महिला अधिकारियों को कर्नल के रूप में सूचीबद्ध करने से इनकार करने का सेना का रवैया मनमाना है। इसके साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों को उनके प्रमोशन के लिए 15 दिन के अंदर विशेष चयन बोर्ड को फिर से बुलाने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने महिला अधिकारियों के उचित अधिकारों को खत्म करने का रास्ता खोजने के लिए सेना के रवैये की निंदा की। पीठ ने कहा, इस तरह का नजरिया उन महिला अधिकारियों को न्याय देने की जरूरत पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिन्होंने उचित अधिकार प्राप्त करने के लिए लंबी और कठिन लड़ाई लड़ी है। पीठ में शामिल जस्टिस न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा ने कहा, कर्नल के रूप में पैनल में शामिल होने के लिए महिला अधिकारियों के सीआर की गणना के लिए जिस तरह से कट-ऑफ लागू किया गया है वह मनमाना है, क्योंकि यह सेना के नीति परिपत्र और इस कोर्ट के फैसले के विपरीत है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि निर्धारित नीतिगत ढांचा यह स्पष्ट करता है कि नौ साल की सेवा के बाद सभी गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) पर विचार किया जाना जरूरी है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान मामले में महिला अधिकारियों को उनके पुरुष समकक्षों के बराबर करने के लिए मनमाने ढंग से कट-ऑफ लागू किया गया था।