
जांजगीर-चांपा। सेवा सहकारी समितियों द्वारा पिछले वर्ष खरीदे गए किसानों के धान का कमीशन आज तक नहीं मिला है जिससे सहकारी सेवा समितियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जबकि फिर से धान खरीदी का समय आ गया है। राज्य सरकार द्वारा सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा जाता रहा है लेकिन 2022-23 का कमीशन राशि अभी तक समितियां को प्रदान नहीं किया गया है यह राशि छोटी-मोटी नहीं है बल्कि करोड़ो रुपए में है।जांजगीर-चांपा जिला सहित सक्ति जिला मिलाकर करोड़ों रुपए का बकाया आज भी है। केवल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित जांजगीर शाखा की बात करें तो इस शाखा के अंतर्गत सरकारी सेवा समितियां की संख्या 15 है वहीं धान खरीदी केंद्र की केदो की संख्या 20 है जहां अरबो रुपए की की धान खरीदी की गई है इन खरीदे धान के का मूल्य का 31प्रतिशत राशि सहकारी सेवा समितियों को बतौर कमीशन दिया जाता है जहां प्रारंभिक व्यवस्था खर्च एवं प्रासंगिक ब्यय के नाम पर राशि प्रदान की जाती है लेकिन यह राशि अभी तक सहकारी समितियों को प्रदान नहीं की गई है । बताया जाता है कि प्रत्येक सहकारी समितियों को धान खरीदी करने का 15 से 20 लख रुपए बतौर कमीशन मिलता है इस तरह जांजगीर चांपा जिले में यह राशि करोड़ो मे है। इसी तरह नवागढ़, पामगढ़, अकलतरा, शिवरीनारायण,बलौदा,बाराद्वार, बमनीडीह, डभरा, सक्ति,मालखरौदा, जैजैपुर, हसौद, चंद्रपुर आदि स्थानों के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के अंतर्गत सैकड़ो की संख्या में सेवा सहकारी समिति संचालित है जहां किए गए धान खरीदी का कमीशन राशि आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया है । किंतु शासन स्तर पर इसे समय पर प्रदान करने के लिए कोई पहल नहीं किया गया। जांजगीर चांपा एवं सक्ति जिला मिलकर लगभग 20 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित है जहां प्रत्येक समिति प्रत्येक बैंकों में 15 से 20 धान खरीदी केंद्र एवं सहकारी समितियां उपलब्ध है जिनको धान खरीदी किए गए राशि का 31त्न राशि कमीशन के तौर पर प्रदान किया जाना है परंतु यह राशि लंबे समय अंतराल बाद भी उपलब्ध नहीं हो पाया है धान खरीदी करते समय 9त्न राशि प्रासंगिक व्यय के तौर पर एवं प्रारंभिक व्यवस्था के रूप में उपलब्ध कराया जाना होता है जिसमें सहकारी समितियां द्वारा धान खरीदी केंद्र की साफ सफाई, लाइट व्यवस्था, चौकीदार का वेतन, तिरपाल खरीदी के साथ हमाल आदि का खर्च किया जाता रहा है लेकिन यह राशि भी समय पर उपलब्ध नहीं होने से सहकारी समिति के प्रबंधको एवं समिति के लोगों को समिति चलाने में भारी परेशानी हो रही है जबकि पुन: धान खरीदी का समय आ गया है इसलिए बतौर व्यवस्था हेतु खर्च के लिए अभी राशि उपलब्ध कराया जाना तत्काल आवश्यक है। यहां यह बताना आवश्यक है कि धान खरीदी करते समय शासन, प्रशासन द्वारा समिति के लोगों के ऊपर दबाव डालकर धान खरीदी तो करा लिया जाता है किंतु इन समितियों को खरीदी किए गए धान का कमीशन राशि दिलाने में ना तो शासन स्तर पर कोई रुचि दिखाई जाता और ना ही जिला प्रशासन इसके लिए कोई पहल करती है नतीजा यह है कि स्थानीय स्तर पर कर्ज लेकर समिति संचालकों द्वारा शासकीय कार्यों का निष्पादन तो कर लिया जाता है किंतु पूरे वर्ष उन्हें कर्जदारों के तकादा का बोझ झेलना पड़ता है जबकि धान खरीदी करने के तत्काल बात समितियों को कमीशन राशि उपलब्ध करा देनी चाहिए । लेकिन इस दिशा में न तो राजनेता अधिक ध्यान देते और ना ही अधिकारी वर्ग इसके लिए कभी गंभीरता दिखाते हैं जिसका खामियाजा यह है कि पूरे वर्ष इन्हे समस्याओं से जूझना पड़ता है। बताया जाता है कि 2022 में खरीदे गए धान का 2त्न राशि भी वर्तमान व्यवस्था बनाने हेतु उपलब्ध नहीं कराया गया है इससे समिति स्तर पर कृषि धान खरीदी करने में तथा व्यवस्था बनाने में प्रबंधक को को परेशानी हो ना स्वभाविक है जिसके लिए ध्यान देने की तत्काल आ सकता है।