जांजगीर-चांपा । सड़क किनारे दुकान लगाकर सोफा की बिक्री करने वाले व्यवसायी पर जिले की जीएसटी विभाग ने 10 हजार रूपए की पेनाल्टी लगाई है। उसके पास सामान बिक्री के लिए विभाग से अस्थायी पंजीयन नहीं था। जिले में महाराष्ट्र से इन दिनों सामान बिक्री करने वाले व्यापारी आए हैं और वे सोफा सेट की बिक्री कर रहे है हैं। 5 सीटर सोफा सेट की खरीदी का । जो जीएसटी बिल उनके पास हैउसमें सोफा सेट की कीमत मात्र 29 सौ रूपए है जबकि इस सोफा सेट को व्यापारी 8 हजार रूपए तक में बेच रहे हैं। जिले की दुकानों में यही सोफा सेट 10 से 12 हजार रूपए में बिक रहा है। महाराष्ट्र से आए व्यापारी के पास खरीदी का जीएसटी बिल, तो है मगर जिला मुख्यालय जांजगीर में बिक्री के लिए उनके पास न तो गुमाश्ता पंजीयन हैं न स्थायी जगह है और न ही उनके द्वारा जीएसटी कार्यालय में अस्थायी पंजीयन कराया गया है। इसके चलते वे सभी प्रकार के टैक्स से बचे हुए हैं। नगर के व्यवसायी व जागरूक लोगों ने जब इसकी सूचना जीएसटी कार्यालय में दी तो अधिकारियों ने सोफा सेट बेचने वाले विशाल राजू जाधव को कार्यालय – तलब किया और उसका 10 हजार – रूपए का चालान काटा गया। अस्थायी – रूप से दुकान लगाकर जिले में बड़ी – तादात में व्यवसायी बैग, आलमारी और सोफा सेट बेचने आए दिन दुकान लगाते हैं। चुनाव आचार संहिता के दौरान जिले के छोटे-मोटे सराफा, बर्तन और कपड़ा व्यवसायी आसपास बाजार में दुकान, लगाने जाते हैं तो उन्हें कई तरह की रसीद दिखानी पड़ती है। इसके चलते वे आचार संहिता में बाजार जाने से ही परहेज कर रहे हैं जबकि महाराष्ट्र से सोफा बेचने वाले कई चेक पोस्ट से गुजरे एफएसटी और एसएसटी टीम वालों से भी सामना हुआ होगा मगर किसी ने इसे नहीं टोका और बिना टैक्स व अस्थायी अनुमति के इनका कारोबार जारी था। अंत: शिकायत पर जीएसटी विभाग ने कार्रवाई की। जिले में बड़ी मात्रा में सोना, चांदी के अलावा सीमेंट और छड़ भी बिना जीएसटी के लाकर खपाया जा रहा है मगर इस दिशा में विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती । अधिकांश दुकानों में जीएसटी का बिल भी ग्राहकों को नहीं दिया जाता। इसको लेकर भी विभाग सजग नहीं हैं जबकि जीएसटी लागू हुए कई साल हो गए ममर रसीद नहीं देने पर कार्रवाई नगण्य है।