जांजगीर-चांपा। जिला परिवहन कार्यालय के जस्ट सामने उसी आफिस की नई बिल्डिंग बन रही है। वर्तमान में यह कार्यालय स्कूल बिल्डिंग के बनाया गया था लेकिन कर्ज में लेकर इस भवन में जिला परिवहन कार्यालय बनाया गया है। इसी तरह ऊपर की बिल्डिंग में उप पंजीयक कार्यालय है। यह भवन पौने दो करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। लेकिन इस भवन में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिसके चलते लोगों ने इसकी शिकायत लोक निर्माण विभाग के राज्य स्तर के अधिकारियों से करते हुए जांच की मांग की है। क्योंकि स्थानीय स्तर पर इसकी शिकायत करने का कोई मतलब का नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय जांजगीर के जर्वे रोड में जिला परिवहन विभाग का दफ्तर संचालित है। इसके लिए राज्य सरकार ने नई बिल्डिंग की स्वीकृति दी थी। एक करोड़ 75 लाख रुपए के भवन में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के जानकारों का मानना है कि एस्टीमेट में जिन शर्तों का उल्लेख है उसमें भवन की सामग्री खरा नहीं है। भवन निर्माण का काम 50 फीसदी पूरा हो चुका है। भवन निर्माण के बेसमेंट में फिलिंग के लिए रेत मुरुम स्टोन डस्ट का इस्तेमाल किया जाना होता है, लेकिन ठेकेदार ने बेसमेंट में उद्योगों से निकलने वाला काला राखड़ को पाट दिया है। यदि कोई अधिकारी इस दिशा में गंभीरता से जांच करते हुए बेसमेंट का उखड़वाकर देखे तो निश्चित ही भवन निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुल जाएगी। समरी बोर्ड भी गायब करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य में निर्माण स्थल पर समरी बोर्ड का होना जरूरी है। जिसमें ठेकेदार का नाम गांव पता व लागत राशि लिखी गई होती है। लेकिन यहां दो करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इतने बड़े भवन में कहीं भी समरी बोर्ड नहीं लगा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग नहीं की जाती। जिसके चलते ठेकेदार मनमानी पूर्वक काम कर रहा है। वहीं विभागीय अधिकारी केवल मूकदर्शक बने बैठे हैं। एक्सपर्ट व्यू किसी भी भवन के बेसमेंट में रेत, मुरूम, स्टोन डस्ट डालना होता है। इससे भवन की मजबूती बनी होती है। रेत मुरुम स्टोन डस्ट के बजाए यदि प्लांट का राखड़ डालें तो भवन की मजबूती नहीं आएगी। भवन में जगह-जगह दरारें आएगी। भवन कमजोर जाएगा। क्योंकि जब किसी भवन की नींव ही खराब हो तो भवन में गुणवत्ता की अपेक्षा करना गलत है। सोहन डहरिया, रिटायर्ड इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी डीटीओ भवन का निर्माण कार्य हमारे हिसाब से सही हो रहा है। प्लांट का फ्लैस चूरा भी इन दिनों भवन के बेसमेंट में फिलिंग करने के लिए बड़ी तादात में इस्तेमाल किया जा रहा है। दलगंजन साय, एसडीओ,पीडब्ल्यूडी