
कोरबा। अन्य चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी स्थानीय बोली से जुड़े गायक कलाकारों की एक तरह से लॉटरी लग गई है। कोरबा जिले में मिश्रित आबादी चार विधानसभा क्षेत्र में मौजूद है जिनके बीच प्रत्याशियों को अपना प्रचार प्रसार करना है। सभी क्षेत्रों में लगातार प्रत्याशी नहीं पहुंच सकते, ऐसे में उनके बारे में बताने का काम स्थानीय बोली पर आधारित गीत कर रहे हैं। पिछले कई वर्षों से गायकी के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों से तरुण छत्तीसगढ़ ने बातचीत की और उनके अनुभव चुनावी सीजन के बारे में जाना। बताया गया कि अबकी बार हालत काफी अनुकूल नजर आ रहे हैं क्योंकि उनके पास अच्छे ऑफर है। अपने काम धाम के साथ-साथ पृष्ठभूमि और दूसरी चीजों को लेकर प्रत्याशियों के लोग हमसे लगातार संपर्क कर रहे हैं। उनकी चाहत है कि हम इस तरह की विषय वस्तु पर अच्छे गीत तैयार करें और उन्हें अपना स्वर दें। कई मौका पर वॉइस रिकॉर्डिंग भी ली जा रही है और उसे टेस्ट किया जा रहा है कि कौन सा अंदाज लोगों पर ज्यादा प्रभाव डालेगा। लोक कलाकारों ने बताया कि न केवल गायकी बल्कि नाट्यमंचन के साथ अपनी प्रस्तुति से लोगों को बांधे रखने की क्षमता रखने वाले कार्यक्रम की मांग भी चुनाव के सीजन में बनी हुई है। कोरबा के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं देने के लिए ऐसे कलाकारों से राजनीतिक दलों के लोग संपर्क करने में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि भीड़भान वाले क्षेत्र में बहुत सारे लोगों से एक साथ संपर्क और संवाद बनाने एवं उनके बीच संप्रेषण करने की क्षमता के लिए इस प्रकार की गतिविधियां बहुत अच्छा माध्यम साबित हो सकती हैं। बताया गया है कि पिछले चुनाव में अपेक्षाकृत अच्छी राशि कलाकारों को इस प्रकार की कोशिश करने के लिए नहीं मिली थी लेकिन अबकी बार बात ही कुछ अलग है।