
जांजगीर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की प्रक्रिया चल रही है। सर्वे परीक्षा वर्ष-2022 में 7500 अंक की हुई थी, लेकिन इस साल उसे बढ़ाकर 9500 अंक कर दिए हैं। इसके कारण प्रतिस्पर्धा इस साल बढ़ गई है, सर्वेक्षण के दौरान पहले चरण में 1 से 16 जुलाई तक सिटीजन फीडबैक लिए गए। लोगों के फीडबैक से शहर को 600 नंबर मिलते, लेकिन 45 हजार की आबादी वाले जिला मुख्यालय में मात्र 2773 लोगों ने ही फीडबैक दिया है। इससे शहर की रैंकिंग कम घट सकती है । अविभाजित जिले के 3 अन्य नगर पालिका व 9 नगर पंचायतों की और भी बुरी स्थिति है यहां भी फीडबैक देने में नगर के लोगों ने रुचि नहीं दिखाई है। इससे नंबर कट सकते हैं। साल 2022 में जिले से सर्वेक्षण में शामिल नगर पालिका व नगर पंचायत को बेहतर अंक नहीं मिले थे। यहां सफाई को लेकर स्थिति संतोषजनक नहीं है। इस साल भी बेहतर रिपोर्ट की उम्मीद कम नजर आ रही है, क्योंकि व्यवस्था में सुधार नहीं होने के कारण लोग भी अभियान में शामिल नहीं हुए। केन्द्र द्वारा संचालित स्वच्छता सर्वेक्षण सेशन 2023 में सर्विस लेवल प्रोग्रेस, सिटीजन वॉइस, सर्टीफिकेशन इन तीनों सेशन से ही शहर को नंबर मिलते। सर्वेक्षण के लिए प्रचार प्रसार भी किए गए, लेकिन लोगों का रुझान कम होता जा रहा है। 9 नगर पंचायत व चार पालिका को मिलाकर केवल 16 हजार 334 लोगों ने सिटीजन फीडबैक में हिस्सा लिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण में फीडबैक का क्या महत्व है फीडबैक लोगों से मोबाइल एप व वेब के माध्य से देने होते हैं। सर्वेक्षण में फीडबैक की अहम भूमिका है। इसमें लोगों से उनके शहर संबंधित पांच सवाल पूछे जाते हैं, जिसका जवाब हां व नहीं में ऑनलाइन देना होता है। इससे शहर की रैंक निर्धारित होती है। फीडबैक के माध्यम से शहर को 600 नंबर मिलते हैं। नंबर लोगों को जवाब के आधार पर दिए जाते है। पांच सवाल में जितने अधिक पॉजिटिव जवाब मिलेंगे उस हिसाब अधिक नंबर मिलते। समय मिलेगा तो और ज्यादा मात्रा में फीडबैक भरवाएंगे ट्टसर्वेक्षण टीम अभी तक जांजगीर नहीं आई है। फीडबैक का सेशन बीच बीच में चलता है। कई बार सर्वेक्षण के प्रोसेस की जानकारी देरी से मिलती है कि कब क्या होगा इसलिए देरी हो जाती है। लोगों को जागरूक नहीं कर पाते। अगर सिटीजन फीडबैक भरने का समय होगा तो और भी अधिक से अधिक फीडबैक भरने के लिए प्रयास करेंगे। -चंदन शर्मा, सीएमओ नगर पालिका जांजगीर