प्रतापपुर। नगर में बीते 29 जनवरी को होटल व्यवसायी अशोक कश्यप के दस वर्षीय पुत्र रिशु कश्यप हत्याकांड में शामिल एक आरोपित के चाचा ने मंदिर के सामने बिरयानी दुकान खोलने का प्रयास पर विवाद खड़ा हो गया।रविवार को कुछ लोगों को जानकारी मिली की रिशु हत्याकांड में शामिल आरोपित विशाल ताम्रकार का चाचा छोटू ताम्रकार अपने घर से लगी दुकान में बिरयानी बेचने की तैयारी कर रहा है।
जानकारी मिलने पर लोग उसके घर पहुंचे और उसके घर के सामने स्थित हनुमान मंदिर का हवाला देते हुए उसे बिरयानी दुकान के स्थान पर और और किसी सामग्री की दुकान लगाने समझाइश दी। आरोप है कि छोटू ताम्रकार ने समझाइश से नाराज होकर लोगों को अपमानजनक शब्द कहे। इसके बाद लोग भडक़ गए और देखते ही देखते वहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। आक्रोशित लोगों ने छोटू ताम्रकार को अपनी गिरफ्त में लेते हुए उसकी ताबड़तोड़ तरीके से पिटाई कर दी। इसी बीच सूचना पर पहुंची प्रतापपुर पुलिस ने छोटू को भीड़ के कब्जे से छुड़ा उसके घर के अंदर बंद कर दिया। इस बीच भीड़ हंगामा मचाती रही। कुछ देर बाद पुलिस सुरक्षा के लिहाज से छोटू व उसके स्वजनों को घर से निकाल वाहन के जरिए थाने ले गई। इसके बाद भी घटनास्थल पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। कुछ देर बाद एसडीएम ललिता भगत भी राजस्व निरीक्षक मनोज भगत के साथ मौके पर पहुंची। एसडीएम ने जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए छोटू की दुकान को सील कर दिया है। छोटू ताम्रकार व उसके स्वजनों को पुलिस द्वारा थाने ले जाने के कुछ देर बाद लोगों की भीड़ छोटू के ऊपर कार्रवाई की मांग को लेकर थाने पहुंच गई। इसी बीच अंबिकापुर का रहने वाला छोटू ताम्रकार का रिश्तेदार अंबिकापुर से कुछ लोगों को लेकर प्रतापपुर थाने पहुंचा और भीड़ के साथ विवाद करने लगा। विवाद होता देख एसडीओपी अरुण नेताम व थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह धुर्वे ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों को शांत किया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की शिकायत पर सुरेन्द्र उ$र्फ छोटू ताम्रकार पिता महादेव निवासी प्रतापपुर व उसके अंबिकापुर निवासी रिश्तेदार संदीप ताम्रकार पिता कार्तिक पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि 29 जनवरी को होटल व्यवसायी अशोक कश्यप के पुत्र का उसके पड़ोस में ही रहने वाले आरोपित शुभम सोनी उ$र्फ गोलू (26) व विशाल ताम्रकार (28) ने फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर दी थी। हत्या की जानकारी मिलते ही पूरा प्रतापपुर सुलग उठा था। आरोपितों को फांसी देने की मांग के साथ साथ राजस्व भूमि पर कब्जा कर बनाए गए आरोपितों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग भी की जा रही थी।