इंदौर। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंगलवार को कहा कि हमारे देश का मूल नाम निर्विवाद रूप से भारत ही है। अंग्रेजों ने इसे अपनी सुविधा के हिसाब से इंडिया में बदल दिया था। गौरतलब है कि भारत और इंडिया को लेकर विवाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर जी20 रात्रिकालीन भोज के लिए भेजे गए निमंत्रण के बाद खड़ा हुआ है। इसमें उन्हें प्रेसिडेंट आफ इंडिया के बजाय प्रेसिडेंट आफ भारत बताया गया है। महाजन ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि भारत और इंडिया नाम पर विवाद होना ही क्यों चाहिए। हमारे देश का मूल नाम भारत था। इसे हिंदुस्तान भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता को अंग्रेज हिंदु घाटी सभ्यता (इंडस वैली सिवलाइजेशन) कहते थे। यही वजह है कि वे हमारे देश को भारत के बजाय इंडिया कहने लगे। धीरे-धीरे यह प्रचलन में आ गया। सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमारे देश को भारत कहे जाने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। भारत के नागरिक होने के नाते ही हम खुद को भारतीय कहते हैं। सुमित्रा महाजन ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के रूप में जब मैं विदेशी दौरों पर जाती थी तो मजाक में कहती थी कि मुझे अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर आगे की कुर्सी मिलना चाहिए क्योंकि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करती हूं।