इंफाल, 0२ जुलाई [एजेंसी]। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कल कहा कि राज्य में जातीय हिंसा के कारणों को लेकर वह भी उलझन में हैं। उनकी सरकार ने कोई सिफारिश नहीं की है कि मैती समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं। इसका जवाब उन लोगों के पास है, जिन्होंने एकजुटता रैली की थी। इसके बाद ही राज्य में हिंसा भड़की। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीरेन सिंह ने कहा कि हमें जो विषाक्त फल खाना पड़ रहा है, उसका बीज विपक्षी पार्टी ने ही बोया था। सीएम ने कहा, हाई कोर्ट ने हमें कहा था.. मेरी सरकार ने मैती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के बारे में अब तक सिफारिश नहीं की है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था। इसलिए हिंसा क्यों हो रही, यह मैं नहीं जानता। जिन संगठनों ने मैती समुदाय को एसटी का दर्जा देने के खिलाफ एकजुटता रैली की, उन्हें दुनिया को बताना चाहिए। उनके पास जवाब है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि पड़ोसी राज्य मणिपुर में स्थिति 7-10 दिनों में सुधर जाएगी। राज्य और केंद्र की सरकार शांति बहाली के लिए चुपचाप काम कर रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस ऐसे समय अपनी ङ्क्षचता जता रही है, जब स्थिति पहले की अपेक्षा शांत है।