
बैंगलोर, २८ सितम्बर । आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस का गठबंधन हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद दोनों पार्टियों में गठबंधन का ऐलान कर दिया गया।इस बीच कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए जेडीएस चीफ और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने बुधवार को कहा कि हम सत्ता के भूखे नहीं हैं। देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कर्नाटक में राजनीतिक स्थिति के बारे में विस्तार से समझाया था। पूर्व पीएम ने कहा, हम सत्ता के भूखे नेता नहीं हैं। मैं पीएम मोदी से नहीं मिला हूं। हां, मैंने पिछले 10 सालों में पहली बार गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस पर चर्चा की। मैंने उन्हें कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया। गठबंधन को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद की खबरों के बीच जेडीएस प्रमुख का बयान आया है। इसी बीच दो जेडीएस नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं ने भी पार्टी छोडऩे की बात कही है।पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने कहा कि बीजेपी से गठबंधन करने से पहले उन्होंने पार्टी के विधायकों से चर्चा की थी। बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के फैसले पर जजीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने कहा, गंठबंधन का फैसला करने से पहले भी, मैंने सभी 19 विधायकों और 8 एमएलसी से चर्चा की और उनकी राय ली थी। उन सभी नेताओं ने कहा कि आपको बीजेपी के साथ समझौता करने के बारे में सोचना चाहिए। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी और जेडीएस द्वारा गठबंधन बनाने के फैसले के बाद, दोनों पार्टियों के कई नेताओं ने उनसे संपर्क किया है। साथ ही, उन नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि कांग्रेस पार्टी में शामिल होना चाहते हैं।बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद मुस्लिम नेताओं के जेडीएस छोडऩे की खबरों के बारे में पूछे जाने पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि पार्टी में नुकसान का कोई सवाल ही नहीं है। कोई भी इस्तीफा नहीं दे रहा है। हालांकि, उन्होंने कुछ कार्यकर्ता के इस्तीफा देने की बात स्वीकर की।जेडीएस के साथ गठबंधन करने पर बीजेपी का कहना है कि यह आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाएगा और राष्ट्रीय एनडीए को मजबूत करेगा।