कोरबा। भाद्र पद षष्ठी को छत्तीसगढ़ में परंपरागत रूप से हलषष्ठी खमरछठ व्रत हिंदू महिलाओं ने रखा। संतान के दीर्घ जीवन की कामना के साथ इसे करने की मान्यता चलन के हिसाब से इस व्रत पर 6 प्रकार की भाजियों का उपयोग होता है। इसलिए भाजियों की कीमतों में अचानक उछाल आ गया। बिना जुती हुई जमीन पर उत्पादित भाजी मुनगा, करेला, पोई, चेच, सुनसुनिया और मखना भाजी की बिक्री इस पूजा को लेकर जमकर हुई। सामान्य दिनों में इनकी कीमतें औसत स्तर पर होती है। बताया गया कि बुधवारी, कोसाबाड़ी, इतवारी और आसपास के बाजार में ये भाजियां आज 30 रुपए पाव के हिसाब से उपलब्ध हो सकी। इनकी कीमत सुनकर लोगों का दिमाग भी चकराया। यही हाल अंग्रेजी मिर्ची का भी रहा जिसने आज खूब नखरे दिखाए। जबकि महुआ पत्ता, कांस की टहनी को ही 20 रुपए जोड़ा के हिसाब से बाजार में बेचा गया।