कोरिया बैकुंठपुर। कोरिया जिले में हवाई पट्टी का सपना अधूरा रह गया राज्य में कांग्रेस शासन बनने के बाद राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री ने कोरिया जिले में हवाई पट्टी की घोषणा की थी घोषणा के साथ ही एक करोड़ की राशि भी बजट में शामिल किया गया था उसके बाद पुन: एक करोड़ की राशि की घोषणा की गई। इन 4 वर्षों में दो बार 1 1 करोड़ की घोषणा की गई बावजूद इसके कोरिया जिले में जिला प्रशासन आज तक जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई जिससे जिले के लोगों के लिए हवाई पट्टी का सपना हवा हवाई होकर रह गया है। ऐसा नहीं है कि जिले के जनप्रतिनिधि प्रयास नहीं किया प्रयास तो बहुत किया गया और अभी तक जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार प्रयास जारी है लेकिन आम लोगों के समझ में नहीं आ रहा कि इस पंचवर्षीय में हवाई पट्टी बन पाएगा या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा मामला चाहे जो भी हो लेकिन जिले के जनप्रतिनिधि प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं वही कोरिया जिले के नवनिर्वाचित प्रभारी मंत्री मोहन मरकाम के कोरिया प्रथम आगमन पर जिला पंचायत कोरिया के उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी ने मांगों का पुलिंदा सौंपते हुए बताया कि जिले के बहुत सारी मांगे ऐसी हैं जिन्हें पूरा किया जाना आवश्यक है उन्हें मांगों में उन्हें मांगों में हवाई पट्टी जिले के कूड़ेली के आसपास की 90त्न सरकारी जमीन उपलब्ध है जहां पर बनाए जाने की मांग की है वहीं कुछ अन्य मांगों में कूड़ेली क्षेत्र में कुछ सड़कों के निर्माण की स्वीकृत कराए जाने की मांग पत्र प्रभारी मंत्री को सौंपा मांग पत्र में कुछ सड़कों का निर्माण किए जाने की मांग की है। सड़क नहीं बनने से आम आदमी सहित स्कूली छात्र छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है मामला चाहे जो भी हो लेकिन क्या जिला पंचायत उपाध्यक्ष की मांगों के अनुरूप क्या स्वीकृति प्रदान हो पाती है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी के द्वारा दिए गए आवेदन में जो मुख्य मांग है। क्षेत्र में हवाई पट्टी बनाए जाने के साथ विभिन्न विकास कार्य किए जाने की आवश्यकता है जिसमें झरना पारा से ठीहाई पारा लवनापारा तक, ढोढपारा से अमहर तक, बुढ़ार बाजार पारा से गेलहा सरई सिंधिया बाजारपारा से शिवपुर और कंचनपुर देवालय से कसरा घुटरा पर सड़क निर्माण करने की बात लिखी है। उपाध्यक्ष ने उक्त सड़कों के निर्माण से स्कूली बच्चों सहित आम लोगों को भी आवागमन में सुविधा होने की बात कही है।