
नईदिल्ली, 0५ अक्टूबर । सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे आरोपित को जमानत प्रदान कर दी है जो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जमानत शर्त पूरी नहीं कर पाने की वजह से पिछले लगभग तीन वर्षों से जेल में ही बंद था। हाई कोर्ट ने आरोपित को ट्रायल कोर्ट में 50 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था। जस्टिस एस. रविंद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त के बिना जमानत पर रिहा कर दिया जाए। याचिकाकर्ता के विरुद्ध रतलाम पुलिस ने 2019 में आइपीसी की धारा-420 (धोखेबाजी), 467 (जालसाजी), 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा, रिकार्ड से उजागर होता है कि मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और मुकदमा शुरू हो गया है। ज् ‘ याचिकाकर्ता के विरुद्ध दर्ज एफआइआर में आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत का सरपंच होने के नाते उसने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके सरकारी जमीन को गैरकानूनी रूप से लीज पर दिया था।