
उदयपुर। सुबह जल्दी उठकर महुआ बीनने की मंशा से तिरपाल में सो रहे दंपती व उनके दुधमुंही बच्ची पर हाथी ने हमला कर दिया। हाथी ज्यादा देर तक घटनास्थल पर नहीं रुका। इस कारण तीनों की जान बच गई। उदयपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को मेडिकल कालेज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। महिला को गंभीर चोट आई है। घटना के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हैं। अकेले विचरण कर रहे हाथी के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। घटना उदयपुर वन परिक्षेत्र के फतेहपुर बस्ती से लगे जंगल के पास की है। फतेहपुर निवासी हारमती (32) ,उसका पति दुर्गा गोंड (34) , आठ माह की दुधमुंही बच्ची अंजना को लेकर महुआ बीनने गए थे। सुबह जल्दी उठकर महुआ बीनने के लिए उन्होंने पेड़ के पास ही तिरपाल लगाया था। उसी के नीचे तीनों सो रहे थे। अचानक एक हाथी आ गया। हाथी के हमले से तीनों लोग घायल हो गए। हाथी बिना रुके आगे बढ़ गया। महिला की छाती में गंभीर चोट आई। पति व बेटी भी घायल हो गए।सभी घायलों को घटना स्थल से एंबुलेंस से सीएचसी उदयपुर लाया गया।प्राथमिक उपचार के बाद सभी को मेडिकल कालेज चिकित्सालय भेज दिया गया। दो हाथी एक सप्ताह से उदयपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे थे। दोनों हाथी एक साथ थे परंतु दो दिन से दोनों हाथी अलग- अलग होकर विपरीत दिशाओं में चले गए हैं। एक हाथी लखनपुर वन परिक्षेत्र की ओर गया है तो दूसरा फतेहपुर की ओर से होते हुए तारा प्रेमनगर के जंगल की ओर रवाना हुआ है।घटना की सूचना पर रेंजर कमलेश राय घायलों के साथ सीएचसी उदयपुर में मौजूद रहे तथा रेफर किए जाने के बाद घायलों को बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल में इलाज हेतु शिफ्ट किया गया है। जहां वन अमला की टीम मौजूद है। वन अमला द्वारा ग्रामीणों को लगातार समझाइश दी जा रही है परंतु समझाइश को न मानना लोगों पर भारी पड़ रहा है। हाथियों के हमले से घायल दुर्गा के परिवार को भी जंगल में हाथी विचरण की सूचना दी गई थी परंतु इन लोगों ने समझाइश को नहीं माना और हाथी के हमले के हादसे का शिकार हो गए।