कोरबा। एसईसीएल की कोयला खदानों में हैवी ब्लास्टिंग से आसपास रहने वाले हर पल जान जोखिम में डालकर जी रहे रहे हैं। रविवार को दीपका खदान में हुई हैवी ब्लास्टिंग से मकान की छप्पर को तोडक़र भीतर गिर गया। मामला ग्राम बरपाली से जुडा हैं। जहां खदान से महज कुछ ही दूरी पर बुधवार साय अपने परिवार के साथ सीट और खपरेल के कच्चे पक्के मकान में निवासरत हैं। खदान में हुए जोरदार ब्लास्टिंग की वजह से मकान का छप्पर भरभरा कर गिर गया। जिस वक्त यह हादसा हुआ महिला बाजू के कमरे में खाना बना रही थी, जैसे ही ये हादसा हुआ घर वालों के हाथ पैर फूल गए, इस हादसे में लोग बाल बाल बचें हैं।
ज्ञात रहे गेवरा बस्ती क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरपाली के अलावा जटराज, पाली, पडनिया, सोनपुरी, रिश्दी, खोडरी इत्यादि ग्राम के बेहद नजदीक कुसमुंडा खदान पहुंच चुका हैं। जहां आये दिन बालस्टिंग की वजह से घरों के छप्पर गिर रहे हैं, दीवारों में दरारें पड़ रही हैं। बरपाली ग्राम में रहने वाले लोगों ने बताया की कुसमुंडा खदान में दिनभर में 6 से 7 बार हैवी ब्लास्टिंग होती हैं, कई बार तो ब्लास्टिंग के दौरान भारी भरकम पत्थर भी खदान से छिटक कर घरों में गिर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिकायत अथवा खदान में आंदोलन के बाद ही कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारी हरकत में आते है और क्षतिपूर्ति के रूप में चंद पैसे अथवा घरों की छप्पर में लगाने सीट की व्यवस्था कर चुप्पी साध लेते हैं। वर्तमान समय में कुसमुंडा खदान में तय मानकों को अनदेखा कर कोयले का खनन किया जा रहा है, जिससे खदान एक विशालकाय कुंवा नुमा खाई बनती जा रहा है। कई कई स्थानों पर मुहाने से एक पैर आगे बढ़ाने व्यक्ति अथवा मवेशी सीधे सैकड़ों फीट नीचे खदान में समा सकते हैं। कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारियों की गलत रीति और नीति की वजह से खदान प्रभावित भूविस्थापितों को सही समय विस्थापन, बसावट, मुवावजा और रोजगार नही मिल पा रहें है। अगर समय रहते प्रबंधन के अधिकारियों की कुंभकर्णीय नींद नही टूटी तो कोई भी बड़ीअनहोनी हो सकती हैं। कुसमुंडा खदान से लगे बरपाली है खदान से कुछ दूरी पर स्थित बुधवार सहाय अपने परिवार के साथ सीट और खपरैल के कच्चे मकान में निवारक है कुसमुंडा खदान से लगे हुए जोरदार ब्लास्टिंग की वजह से मकान का छप्पर बारबरा कर गिर गया जिस वक्त दिया हादसा हुआ महिला बाजू के रूप में खाना बना रही थी इस हादसे में लोग डरे हुए हैं मकान में दरार पड़ रही है कई लोगों के घर में बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं।