लगभग डेढ़ लाख संग्राहक को मिलेगा काम
कोरबा। जंगलों में होने वाले तेंदूपत्ता से कई प्रकार के उद्यम को गति मिल रही है और ग्रामीणों को रोजगार। वन संपदा से लबरेज कोरबा जिले के दो वनमंडल में एक पखवाड़े बाद इस काम को शुरू किया जाना है। इसके लिए वन विभाग ने कान्ट्रेक्ट दे दिया है। इसके हिसाब से संग्रहण की प्रक्रिया संपादित होगी।
पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी दोनों वनमंडल के तेंदूपत्ता को लेकर बाहर के राज्यों से अच्छी दिलचस्पी दिखी। अपेक्षित दर पर बोली आई है और वनमंडल का तेंदूपत्ता नीलाम हुआ है। मुख्य रूप से बीड़ी और दूसरे उद्यम में इसकी उपयोगिता सुनिश्चित होती है। तेंदूपत्ता के मामले में क्वालिटी सबसे अहम होती है और इसी आधार पर कीमतों का निर्धारण होता है। मिट्टी से लेकर जलवायु इस दिशा में सबसे खास भूमिका निभाते हैं और इसी आधार पर वनोपज को तैयार होने में मदद मिलती है। कोरबा डीएफओ अरविंद पीएम ने बताया कि हमारे वनमंडल में 38 समितियां इस काम के लिए अधिसूचित की गई है। उनके अंतर्गत सैकड़ों फड़ें अपना काम करेगी। इस वर्ष भी संग्रहण कार्य के लिए नवीनीकृत पंजीयन हुआ है। सरकार के द्वारा संग्रहण की जो दरें तय की गई है उसके हिसाब से उन्हें भुगतान किया जाएगा। जल्द ही हम पूरे कार्यक्रम को चाकआउट करेंगे। अधिकारी को विश्वास है कि तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए जो लक्ष्य प्राप्त हुआ है उसकी पूर्ति भी जरूर होगी। वनमंडल कोरबा को लगभग 55 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित करना है। 70 हजार से अधिक लोग इस काम में जुटेंगे।
जबकि कटघोरा वनमंडल में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 482 फड़ बनाई गई है। डॉक्यूमेंटेशन के काम से जुड़े रमन्ना राव ने बताया कि 76 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का लक्ष्य हमें प्राप्त हुआ है। 76 हजार 300 श्रमशक्ति का पंजीयन इस काम के लिए किया गया है। संभवत: 1 मई से हमारे यहां इस काम को शुरू किया जाएगा। वनमंडल में 7 परिक्षेत्र हैं जहां पर इस कार्य को किया जाना है। राव ने बताया कि इस प्रक्रिया को लेकर कांटे्रक्ट संबंधी औपचारिकता पहले ही हो चुकी है। प्रयास होगा कि मौसम की अनुकूलता के हिसाब से कामकाज निर्धारित अवधि में कर लिया जाए।
साख कर्तन और प्रशिक्षण पूरा
वन विभाग ने तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर साख कर्तन की शुरुआती प्रक्रिया पहले ही पूरी करा ली है। संग्रहण का काम जितने स्तर पर होना है उसके लिए यूनिट के हिसाब से मैदानी अमले को प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है ताकि किसी भी प्रकार की समस्या आड़े न आए। जोर इस बात पर भी है कि किसी भी कीमत पर जंगलों में आग लगाने वाली शक्तियां हावी न रहे। ऐसे किसी भी शिकायत पर एक्शन लिया जाएगा।