लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष माओवादी नक्सली कमांडर नीरज सिंह खरवार उर्फ संजय खरवार और सालमन उर्फ लोकेश गंझू उर्फ राजकुमार गंझू ने शुक्रवार (5 जुलाई) को सरेंडर कर दिया। दोनों पर 10-10 लाख रुपए के इनाम घोषित थे।
इनका दर्जा माओवादी नक्सली संगठन में जोनल कमांडर का था और दोनों दर्जनों नक्सली वारदातों में वांटेड थे। इनका आत्मसमर्पण पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सलियों के सरेंडर के मौके पर पलामू के डीआईजी वाईएस. रमेश, उपायुक्त गरिमा सिंह, पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन, सीआरपीएफ के कमाडेंट केडी. जोशी और बीपी त्रिपाठी मौजूद रहे। इन अफसरों ने मुख्यधारा में लौटे दोनों माओवादियों का बुके और शॉल भेंटकर स्वागत किया। इस मौके पर दोनों माओवादियों के परिजन भी मौजूद रहे। बताया गया कि इनामी नक्सली नीरज पर विभिन्न थानों में 24 और सालमन पर 11 मामले दर्ज हैं। सालमन ने पुलिस को बताया कि वह पिछले 22 सालों से नक्सली संगठन से जुड़ा था। उसने लातेहार और लोहरदगा क्षेत्र की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
नीरज गंझू वर्ष 2004 में भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। उसने 2013 में मेदिनीनगर-रांची मुख्य पथ पर पतकी जंगल में आईईडी लगाने, 2018 में कुजरूम जंगल में झारखंड जगुआर के साथ मुठभेड़ और अन्य वारदातों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। पलामू के डीआईजी वाईएस रमेश ने अन्य माओवादियों से भी सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र से माओवादियों का सफाया हो चुका है। जो शेष बचे हैं, वे पुलिस की रडार पर हैं।