भागलपुर, 0३ सितम्बर।
किशनगंज के प्रतिष्ठित व्यापारिक समूह दफ्तरी ग्रुप पर आयकर विभाग की छापेमारी मंगलवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी रही। विभाग ने बताया है कि अब तक की जांच में सौ करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति का पता चला है। शुक्रवार सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई में आयकर विभाग की लगभग 100 सदस्यीय टीम शामिल रही। इस दौरान 50 से अधिक वाहनों का काफिला एक साथ निकला और शहर के विभिन्न ठिकानों के अलावा कटिहार, कोलकाता, राजस्थान और गुजरात में भी ग्रुप से जुड़े स्थानों पर छापेमारी की गई। कार्रवाई को सुचारू बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई। कार्रवाई के बीच सोमवार की रात दफ्तरी ग्रुप के निदेशक राजकरण दफ्तरी की तबीयत बिगड़ गई। छाती में दर्द की शिकायत पर उन्हें पहले स्थानीय निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां से हालत गंभीर होने पर उन्हें सिलीगुड़ी और बाद में कोलकाता रेफर किया गया। इधर, छापेमारी में शामिल आयकर विभाग के दो अधिकारियों की तबीयत भी बिगड़ी। उनमें से एक को इलाज के लिए पटना भेजा गया है।पांच दिनों से चल रही जांच में आयकर विभाग की टीम ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। इनमें अकाउंट से जुड़े रजिस्टर, कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और अन्य रिकॉर्ड शामिल बताए जा रहे हैं। इन्हें फिलहाल फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से खंगाला जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों के परीक्षण के बाद आगे और भी जानकारियां सामने आ सकती हैं। जांच मुख्य रूप से दफ्तरी ग्रुप के कारोबारी लेनदेन और संपत्ति से जुड़े मामलों पर केंद्रित है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, समूह की बिहार के बाहर भी कई संपत्तियां और कारोबारी नेटवर्क फैले हुए हैं। आयकर विभाग ने इनसे जुड़े ठिकानों को भी अपनी जांच की जद में लिया है।मंगलवार देर शाम आयकर विभाग की उप निदेशक सुनीता कुमारी ने शहर में जांच पूरी कर लौटते समय बताया कि कार्रवाई अभी समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है और इसकी आधिकारिक रिपोर्ट तैयार होने में समय लगेगा।
छापेमारी का दायरा शहर के नेमचंद रोड, भगत टोली, धर्मशाला रोड और पश्चिमपाली जैसे प्रमुख इलाकों तक फैला रहा। पांच दिनों से लगातार चल रही इस कार्रवाई ने इन क्षेत्रों में सामान्य गतिविधियों को प्रभावित किया है। यह कार्रवाई बिहार में हाल के वर्षों में आयकर विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक मानी जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, शुरुआती आकलन में सामने आए सौ करोड़ रुपये से अधिक के बेनामी संपत्ति के आंकड़े आगे और बढ़ सकते हैं। जब्त दस्तावेजों की जांच और बयान दर्ज होने के बाद तस्वीर और साफ होगी। फिलहाल विभाग ने इस मामले में किसी गिरफ्तारी या आगे की कार्रवाई पर टिप्पणी नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।