वडोदरा, २४ दिसम्बर । गुजरात के भरूच जिले के एक औद्योगिक क्षेत्र में दुष्कर्म की शिकार हुई 11 वर्षीय निर्भया ने एक सप्ताह तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद सोमवार शाम को दम तोड़ दिया। उसे गंभीर आंतरिक चोटें आई थीं।अंकलेश्वर के सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे वडोदरा के एसएसजी अस्पताल रेफर किया गया था। एसएसजी अस्पताल के रेजीडेंट मेडिकल आफिसर (आरएमओ) डॉ. हितेंद्र चौहान ने पीटीआई से कहा कि लडक़ी को दोपहर में दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उपचार के बाद उसकी हालत स्थिर हो गई, लेकिन, शाम को उसे फिर से दिल का दौरा पड़ा। उसे तुरंत उपचार दिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। उन्होंने एजेंसी को बताया कि लडक़ी की हालत आंतरिक चोट के चलते संक्रमण फैलने से हुआ। इससे उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया और दिल का दौरा पड़ गया।विगत 16 दिसंबर को एक निजी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ने लडक़ी का अपहरण कर लिया था। उस समय वह अपनी झोपड़ी के पास खेल रही थी। पुलिस के अनुसार, वह उसे पास की झाडिय़ों में ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म कर घायल अवस्था में छोडक़र भाग गया।
पुलिस ने घटना के एक दिन बाद झारखंड के मूल निवासी 36 वर्षीय आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित लडक़ी की झोपड़ी के बगल में ही रहता था। वह लडक़ी के पिता के साथ एक ही कंपनी में काम करता था।इस घटना के संज्ञान में आने के बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की मंत्री दीपिका पांडे सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह पीडि़ता और उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने वडोदरा के अस्पताल का दौरा किया था। बाद में प्रवासी मजदूरों को लेकर गुजरात सरकार पर निशाना भी साधा था। उन्होंने पीडि़ता के स्वजन को चार लाख रुपये का चेक भी सौंपा था।