कोरबा। औद्योगिक जिले कोरबा में बारिश को लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि अब यह अपनी विदाई बेला के करीब है। जिस तरह से मौसम का रूख कुछ दिन से बदला है, उसे देख कहा जा रहा है कि आगामी दिनों में बारिश का निशान नहीं होगा। फिलहाल 1319.5 मिमी पर बारिश अटकी हुई है। लगता है कि इस रिकार्ड के साथ ही वर्ष 2023 की बारिश का स्थायित्व होगा। वर्षा का मापन करने वाले भू अभिलेख विभाग ने अंतिम रूप से आज अक्टूबर की स्थिति कोरबा जिले में बारिश की स्थिति के आंकड़े जारी किये हैं। इसमें कहा गया है कि अब तक की स्थिति में जिले में औसत वर्षा 1319.5 मिमी हुई है। कोरबा जिले की 9 तहसीलों कोरबा, भैसमा, करतला, कटघोरा, दर्री, पाली, हरदीबाजार, पोड़ी उपरोड़ा और पसान को मिलाकर समग्र रूप से वर्षा की स्थिति को दर्ज किया गया है। 1 जून 2023 से 8 अक्टूबर तक कोरबा जिले में 9607.0 एमएम बारिश हुई। इसका कुल औसम 1067.4 है। विगत 10 वर्षों के आधार पर 1 जून से आज तक की औसत वर्षा का कुल योग 1081.7 मिमी है। जबकि इसका कुल वर्षा 1202.1 मिमी है। अब तक की स्थिति में कोरबा जिले में जितनी वर्षा हुई है वह 88.8 फीसदी के आसपास है। भू अभिलेख शाखा के द्वारा इस वर्ष की बारिश के जो आंकड़े जारी किये गए हैं उनमें जून प्रारंभ से लेकर अब तक की स्थिति में सर्वाधिक वर्षा 1221.2 मिमी दर्री में हुई है। जबकि सबसे कम बारिश की स्थिति पाली तहसील में रही, जहां पर इस सीजन में 838.0 मिमी बारिश हुई है। कोरबा में 1156.0, भैसमा में 1136 और कटघोरा में 1145 मिमी बारिश का होना संतोषजनक स्थिति को दर्शाता है। कोरबा जिले में मुख्य रूप से खरीफ सीजन के लिए 25000 से अधिक किसानों के द्वारा धान की फसल ली जा रही है। पिछले वर्ष संख्यात्मक रूप से कुछ कम किसानों ने अपना पंजीकरण सहकारी बैंक में कराया था और समर्थन मूल्य पर अपने खेतों में उत्पादित धान का विक्रय किया था। कृषि जानकारों का कहना है कि अब तक जितनी मात्रा में बारिश हुई है वह धान उत्पादन के लिए अनुकूल मानी जा रही है। अगर एक-दो महीने में अनावश्यक बारिश नहीं होती है तो उन खतरों को लेकर चिंता नहीं होगी जो धान को समस्याओं की जद में लाते हैं।