जांजगीर-चांपा। पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी पुत्र को बीमा का लाभ देने से कंपनी ने साफ इंकार कर दिया। शिकायत के बाद उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को अब 17 लाख 97 हजार 500 रुपए खर्च व ब्याज सहित देने का आदेश पारित किया है। शिकायतकर्ता रोशन लाल देवांगन के पिता ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। पॉलिसी के चालू रहने के दौरान ही शिकायतकर्ता के पिता की मृत्यु हो गई थी। मौत होने पर बीमा कंपनी में क्लेम लगाया गया। जहां रोशन लाल को बीमा देने से साफ मना कर दिया गया। कई बार दफ्तर का चक्कर काटा इसके बाद भी आखिरकार बीमा कंपनी ने बीमा के पैसे देने से मना कर दिया। उन्होंने कारण बताया कि उसके पिता ने अन्य पॉलिसी भी लिया था तथा उसे वर्तमान पॉलिसी लेते समय नहीं बताया था। इसलिए उपभोक्ता शिकायतकर्ता को बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। उपभोक्ता आयोग में केस लगने के बाद दोनों पक्षों में सुनवाई हुई। जिला उपभोक्ता आयोग ने दोनों पक्षों के द्वारा पेश शपथ पत्र, दस्तावेजों का सावधानीपूर्वक अध्ययन कर पाया कि शिकायतकर्ता के पिता ने पूर्व में कोई अन्य पॉलिसी नहीं ली थी। उपभोक्ता शिकायतकर्ता को बीमा का लाभ न देकर एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने सेवा में कमी की है। इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग जांजगीर के अध्यक्ष प्रशांत कुंडू, सदस्य विशाल तिवारी ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के अंतर्गत पेश परिवाद को स्वीकार कर आदेश पारित किया गया। जिसके अनुसार पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर बीमा के पैसे देने से इनकार करने पर 17 लाख 97 हजार 500 रुपए व मानसिक संताप का 10 हजार व वाद का खर्च 3 हजार आदेश दिनांक से 45 दिनों के भीतर देना होगा। नहीं देने पर आदेश दिनांक से भुगतान दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा।