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कोरबा। जिले के उरगा थाना क्षेत्र के पकरिया गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 19 वर्षीय युवक विकास पटेल ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना उस समय हुई जब परिजनों ने शराब पीने पर उसकी डांट-फटकार की थी।
सोमवार को पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के लिए गांव में वोटिंग हो रही थी। इसी दौरान विकास ने अपने परिजनों से नए कपड़े खरीदने के लिए 2000 की मांग की। परिजनों ने उसे यह राशि दे दी, लेकिन कुछ घंटे बाद जब वे मतदान कर घर लौटे तो पाया कि विकास ने कपड़े नहीं खरीदे थे, बल्कि शराब पीकर घर आया था।
परिजनों को उसकी यह हालत देखकर गंभीर चिंता हुई और उन्होंने उसे फटकार लगाई। पिता साधराम पटेल ने उसे समझाने की कोशिश की कि इतनी कम उम्र में यदि वह इस तरह नशे का आदी हो जाएगा, तो भविष्य में उसका जीवन प्रभावित हो सकता है। इस नाराजगी के बाद पिता गांव में पंचायत चुनाव की काउंटिंग देखने चले गए। कुछ समय बाद, जब घर के अन्य सदस्य भी अपने काम में व्यस्त थे, विकास ने अपने कमरे में रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जब परिजनों को इस घटना की जानकारी मिली, तो घर में कोहराम मच गया। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।
नशे के प्रवृत्ति से बढ़ रहा है मानसिक तनाव
इस घटना ने एक बार फिर से युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति और मानसिक तनाव को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं को सही मार्गदर्शन और परामर्श की आवश्यकता है, ताकि वे इस प्रकार के आत्मघाती कदम न उठाएं। इसके साथ ही, परिवारों को भी बच्चों से संवाद स्थापित करने और उनकी मानसिक स्थिति को समझने की जरूरत है।
जागरूकता पर करना होगा काम
मनोचिकित्सक डॉ. नीलिमा महापात्रा का कहना है कि युवाओं में नशे की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। परिवारों को अपने बच्चों के साथ खुलकर संवाद करना चाहिए, ताकि वे अपनी समस्याओं को साझा कर सकें।यदि कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर रहा हो, तो उसे काउंसलिंग और सही मार्गदर्शन देना जरूरी है।