
नई दिल्ली। दिल्ली के सभी 15 जिलों की झुग्गियों व अन्य जगहों पर वर्षों से अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने का सिलसिला तेजी से जारी है। पिछले डेढ़ माह में दिल्ली पुलिस 19 हजार से अधिक संदिग्धों की सूची तैयार कर चुकी है जिनसे पूछताछ कर उनके दस्तावेज की जांच की जा रही है।इनमें 780 संदिग्धों के बारे में पुलिस को पूरा शक है कि वे बांग्लादेशी हो सकते हैं। उनके पास बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, दिल्ली, यूपी व हरियाणा के आधार व वोटर कार्ड मिले हैं। इनमें कुछ के पास नए व कुछ के पास वर्षों पुराने कार्ड पाए गए। इन संदिग्धों के आधार कार्ड के बारे में दिल्ली पुलिस ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जानकारी मांगी हैं।प्राधिकरण से यह बताने को कहा गया है कि आधार कार्ड बनवाने के लिए उन्होंने क्या दस्तावेज जमा किए थे। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा भी संबंधित लोगों को जवाब तलब किया जा रहा है। जवाब से संतुष्ट न होने पर उनके आधार कार्ड को रद कर पुलिस को जानकारी दे दी जाएगी।दिल्ली पुलिस मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक अब तक 100 बांग्लादेशी घुसपैठिये को वापस बांग्लादेश भेज दिए गए हैं। उनके बारे में सूची तैयार कर विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को भेज दी गई है। सबसे अधिक बांग्लादेशी दक्षिण, दक्षिण-पूर्वी व दक्षिण-पश्चिम जिले में पकड़े गए हैं।इन तीन जिले में बड़ी संख्या में झुग्गी बस्ती हैं जिनमें लाखों की संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं। इनमें अधिकतर भारतीय दस्तावेज बनवा रखे हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि पहले जनवरी तक ही बांग्लादेशी नागरिकों की धर पकड़ कर उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने की बात थी लेकिन अब चुनाव के बाद भी निरंतर यह सिलसिला जारी रहेगा।दक्षिण जिला पुलिस ने हाल ही में दो ऐसे गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है जो बांग्लादेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनवा रहे थे। गिरोह के तार बांग्लादेशी एजेंटों से भी जुड़े थे जो बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पार कराने, ट्रांसर्पोटेशन के लिए तत्काल फर्जी भारतीय पहचान पत्र मुहैया कराने, दिल्ली लाने व यहां उन्हें जगह मुहैया करवाने के बाद उनके असली आधार कार्ड बनवा रहे थे।