उपयोगकर्ताओं को जूझना पड़ रहा दुश्वारियों से
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सामाजिक उत्तरदायित्व मद से कोरबा जिले में समस्याग्रस्त कुछ सडक़ों को ठीक किया जा रहा है। कोलफील्ड्स कुसमुंडा से तरदा तक 200 करोड़ की लागत वाली फोरलेन सडक़ तीन साल गुजरने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी। निर्माण में देरी के कारण जहां पूरे रास्ते में वायु प्रदूषण की मुश्किल है तो बेमौसम बारिश के कारण अनेक प्वाइंट पर जलजमाव ने लोगों को परेशान कर रखा है। लोग इस बात से चिंतित हैं कि अगर खमियां नहीं सुधारी गई तो मानसून के सक्रिय होने के बाद इस रास्ते पर आवागमन करने में काफी मशक्कत होगी।
कोरबा कुसमुंडा फोरलेन सडक़ पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की निगरानी में बन रही है,जो इस बरसात भी पूरी तरह से नहीं बन पाई है और जिन स्थानों पर बन गई है वहां थोड़ी देर हो रही बरसात ने काम की पोल भी खोल कर रख दी है। कुछ ही देर की बारिश से उक्त मार्ग पर कई स्थानों पर पानी जमा हो गया है। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से बरसात का पानी सडक़ पर ही तालाब के समान भरा पड़ा है। ये स्थिति कोरबा कुसमुंडा मार्ग अंतर्गत विशेषत: दो स्थानों विकास नगर गुरुद्वारा के ठीक पीछे और गेवरा रोड स्टेशन से कुछ ही दूर मुख्य मार्ग पर बारिश का पानी जमा हो गया है। यहां तीन दिनों से शाम को हुई बारिश से फोर लेन सडक़ लगभग 100 मीटर तक लबालब पानी से भर गया जिससे इस मार्ग से गुजरना मुश्किल हो गया। भारी भरकम वाहन भी इस लबालब भरे पानी की वजह सी सीधी फोरलेन रास्ते को छोड़ व्यवसायिक मार्ग का उपयोग करने लगे। वहीं बरमपुर मोड़ से आगे की भी नई बनी सडक़ की भी यही स्थिति है, यहां भी सडक़ पर पानी भर रहा है। इन स्थानों पर पानी भरने की मुख्य वजह पानी निकासी के लिए किसी तरह की भी व्यवस्था नहीं होना है।
पानी निकासी की करेंगे व्यवस्था
फोरलेन सडक़ पर कुछ जगह वाटर ब्लाकिंग को लेकर शिकायतें सामने आई है। आज संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण किया जाएगा। आवश्यकता के आधार पर वहां निकासी के लिए नालियां तैयार की जाएंगीं। संपूर्ण प्रस्तावित मार्ग के निर्माण में देरी के पीछे मुख्य वजह एक बड़े हिस्से में जमीन अर्जन नहीं हो पाना है।
यहां भी बनी हुई है समस्याएं
विकास नगर क्षेत्र अंतर्गत गुरुद्वारा के पीछे विरक बस ऑफिस से शिवमन्दिर चौक तक फोर लेन सडक़ के ठीक बगल फोर लेन सडक़ से कुछ इंच ऊंची व्यवसायिक दुकानों से लगी डामरीकरण सडक़ है। एक ओर ये सडक़ दूसरी ओर फोर लेन की सडक़, जिस वजह से बारिश का पानी दोनों ही सडक़ों के बीच रुक रहा है। इसके अलावा यही पर इमली छापर चौक की ओर ओवर ब्रिज की चढ़ाई भी शुरू होनी है। जिससे आने वाले दिनों में ओवर ब्रिज सडक़ के साथ बारिश का पानी भी इसी स्थान पर उतरेगा, जहां आज पानी भरा हुआ है। समय रहते इस दिशा में ध्यान नही दिया गया तो सडक़ पर बने तालाब को नहर बनने में देर नहीं लगेगी। लोगों को सडक़ बनने के बावजूद परेशानी से जूझना पड़ेगा और सडक़ खस्ताहाल होगी अलग।
-जी.आर.जांगड़े, कार्यपालन अभियंता लोनिवि