कोरबा। विद्युत उत्पादन कंपनी ने अपने बंद पड़े 200 मेगावाट प्लांट की 125 फीट ऊंची चिमनी को आज सुबह ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही यहां की दूसरी चिमनी का यही हश्र होना है। इसके लिए रणनीति तैयारी की जा रही है। 1962 में सोवियत रूस और मध्यप्रदेश सरकार के वित्तीय सहयोग से एमपीईबी के द्वारा इस संयंत्र का निर्माण कराया गया था। लगभग 6 दशक तक यहां से बिजली उत्पादन का काम जारी रखा गया। अंतिम समय में प्रदूषण और दूसरी समस्याओं के कारण इस पर सवाल उठे। एनजीटी ने इन कारणों से संयंत्र का संचालन बंद करने को कहा था। कई तरह के सुधार के बाद भी आगे की राह मुश्किल भरी रही और आखिरकार दो वर्ष पहले संयंत्र को अंतिम रूप से बंद कर दिया गया। रायपुर की एक कंपनी को यहां का स्क्रैप का ठेका देने के बाद अब यहां की एक चिमनी मैकेनाइज्ड सिस्टम से ढहा दी गई। याद रहे पिछले वर्ष 18 नवंबर की रात्रि को कबाड़ चोरों के गिरोह ने इस परिसर में प्रवेश कर लाखों का कबाड़ पार कर दिया था।