कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के द्वारा 200 करोड़ रुपए देने के साथ इमलीछापर से तरदा तक स्वीकृत फोरलेन सडक़ चार साल बीतने के बाद भी नहीं बन सकी। इसका काफी हिस्सा बनने से थोड़ी राहत जरूर हुई लेकिन सर्वमंगला नगर तिराहा के आसपास आधा-अधूरा आसपास पहले की तरह लोगों को परेशान कर रहा है।
फोरलेन के चक्कर में इस इलाके में बना हुआ मंदिर और काम्प्लेक्स ध्वस्त कर दिया गया। सीमित संख्या में लोगों के पास रोजगार के साधन थे वे भी समाप्त हो गए। आश्वस्त किया गया था कि जल्द ही फोरलेन का निर्माण होने से कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएगी और खासतौर पर वायु प्रदूषण से लेकर जल जमाव से जुड़ी परेशानी खत्म हो जाएगी। लोगों को महसूस हो रहा है कि विकास के दावे के बीच हुआ कुछ नहीं। लोगों की शिकायत है कि सर्वमंगला नगर तिराहे के बड़े हिस्से में सडक़ खोद दी गई है और उसे बदहाल स्थिति में छोड़ दिया गया है। पहले की तरह मौके पर समस्याएं कायम हैं। इसके चलते जनजीवन और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सर्वमंगला नगर के लोग बताते हैं कि नेताओं के निकम्मपन के कारण इस इलाके की उपेक्षा लगातार हो रही है क्यों नेताओं को रेत चोरी से फुर्सत नहीं है।