रायगढ़। खरसिया-पत्थलगांव मार्ग पर छाल के आसपास गुरुवार शाम 5 बजे से शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक लगभग 21 घंटे लंबा जाम लगा रहा। इस दौरान लाइन पर चलने वाली लंबी दूरी की गाडिय़ां, बसें, स्थानीय लोगों की कार, उद्योगों में चलने वाले भारी वाहन घंटों फंसे रहे। स्कूली बच्चों को वापस घर लौटना पड़ा। धरमजयगढ़ विधायक की गाड़ी भी फंस गई, उन्हें कुछ दूर पैदल चलना पड़ा, फिर वे रास्ता बदलकर निकले। छाल इलाके में कोयला खदान, बरौद, जामपाली माइंस की कनेक्टिंग सड़क होने के कारण मार्ग पर जाम आम हो गया है। भारी वाहनों की रेलमपेल के साथ ही सड़क निर्माण की धीमी गति से परेशानी और बढ़ गई है। जाम की सबसे बड़ी वजह यह है कि सड़क के शोल्डर पर दोनों तरफ ठेकेदार ने लाल मिट्टी डालकर छोड़ दी है। बारिश के कीचड़ हो गया है, साइड देने के लिए वाहन रोड से नीचे उतरें तो उनके फंसने का डर होता है। इस वजह से जाम लग जाता है। एसईसीएल के पास गार्ड हैं। यला परिवहन वाले वाहनों की बेतरतीब और सड़क किनारे पार्किंग पर रोक-टोक नहीं है। जल्दी लोड लेने के चक्कर में ड्राइवर गलत दिशा में वाहन डालते या खड़ी करते हैं। इससे कई बार ट्रेलर के ट्राले सड़क के बीचों-बीच खड़े हो जाते हैं, जिससे जाम लगता है। एसईसीएल की खदान का विस्तारीकरण किया जा रहा है। 3 मिलियन से 6.5 मिलियन टन ग्रोथ हो रहा है। गाडिय़ां बढ़ी हैं। दो सालों से जाम लगना आम बात हो गया। इसमें राहगीरों के साथ स्कूली बच्चों का पढ़ाई ओर असर पड़ रहा है। अस्पताल जाने वाले मरीज भी फंसे 21 घंटे तक जाम रहने से शुक्रवार को छाल और आसपास के लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ा। लंबे सफर पर निकले ट्रक, कार चालकों को परेशानी हुई। छाल मे तहसील, स्कूल, हॉस्पिटल थाना, बैक, बाजार आना-जाना लगा रहता है। सुबह छाल प्रभावित गांव के 400 से अधिक बच्चे बस से स्कूल जाते हैं। इन सभी को परेशान होना पड़ा। शुक्रवार सुबह बस डोमनारा, एडू, बरभौना से बच्चे लेकर स्कूल जा रही थी। कुछ देर जाम में फंसे होने के कारण ड्राइवर बच्चों को लेकर लौट आया। कुछ पालकों ने बाइक से वैकल्पिक मार्गों से बच्चों को स्कूल पहुंचाया। मेरे लिए तो कई वैकल्पिक मार्ग ट्टहाइवे पर जाम का उपाय करने एसईसीएल के जीएम, रायगढ़ एसपी से बात की है। आए दिन जाम बड़ी समस्या है। मेरे जाम में फंसने की बात छोडि़ए मेरे पास तो कई वैकल्पिक मार्ग हैं। अब ज्यादातर लोगों के पास चार पहिया वाहन हो गया है। भारी वाहनों की भीड़ है। लोगों को भी जिम्मेदारी समझनी चाहिए ताकि जाम को टाला जा सके।