नईदिल्ली, ०६ जुलाई [एजेंसी]। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के औद्योगिक न्यायाधिकरण-सह-श्रम न्यायालयों (सीजीआइटी-कम-एलसी) में रिक्तियों को भरने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा की पीठ ने श्रम कानून संघ (एलएलए) की याचिका का संज्ञान लिया। याचिका में कहा गया है कि 22 न्यायाधिकरणों में से नौ में पीठासीन अधिकारी नहीं हैं। इस साल तीन और न्यायाधिकरणों में रिक्तियां आ सकती हैं। संघ के वकील ने कहा कि एक न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारियों में से एक बुधवार को पद छोडऩे वाले हैं। पीठ ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता से कहा,आप हमारे पास इतनी देर से क्यों आए। अधिकारी पांच जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। (याचिका) सोमवार को सूचीबद्ध करें। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल बलबीर सिंह को (याचिका की प्रति) सौंपें। हम किसी न्यायाधीश का कार्यकाल बढ़ाने का एकतरफा आदेश पारित नहीं कर सकते। सीजेआई ने कहा कि प्रशासनिक पक्ष पर शायद ट्रिब्यूनल में रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को नामित किया है। बताते चलें कि देश में 22 सीजीआईटी-कम-एलसी हैं। इन्हें केंद्रीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले औद्योगिक विवादों के निपटारे के लिए औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत स्थापित किया गया था।