लखनऊ। विधानसभा उपचुनाव में भी दागी उम्मीदवारों की कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच व एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स (एडीआर) के विश्लेषण में सामने आया है कि उपचुनाव की नौ सीटों पर उतरे कुल 90 उम्मीदवारों में से 29 ऐसे हैं, जिनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 24 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर के अनुसार, सपा के नौ में चार प्रत्याशियों (44 प्रतिशत), बसपा के नौ में से दो प्रत्याशियों (22 प्रतिशत), आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के आठ में से चार प्रत्याशियों (50 प्रतिशत) व भाजपा के आठ में छह (75 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
इनमें बसपा के 22 प्रतिशत, भाजपा के 50 प्रतिशत, सपा के 33 प्रतिशत व आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के 38 प्रतिशत उम्मीदवारों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुंदरकी सीट से भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह के विरुद्ध सर्वाधिक छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके अलावा कुंदरकी सीट से ही सपा उम्मीदवार मु.रिजवान के विरुद्ध तीन मुकदमे दर्ज हैं, जबकि मझवां सीट से बसपा उम्मीदवार दीपक तिवारी के विरुद्ध पांच मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर के मुख्य संयोजक संजय सिंह के अनुसार, 90 में 43 उम्मीदवार करोड़पति हैं। बसपा व सपा के नौ में आठ प्रत्याशी, भाजपा के आठ में सात प्रत्याशी व आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के आठ में पांच प्रत्याशी करोड़पति हैं। उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 3.76 करोड़ रुपये है। मझवां सीट से भाजपा प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य की सर्वाधिक संपत्ति लगभग 50 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, मीरापुर सीट से सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा की संपत्ति लगभग 40 करोड़ रुपये व गाजियाबाद सीट से सपा प्रत्याशी सिंह राज जाटव की संपत्ति लगभग 29 करोड़ रुपये है।उपचुनाव में 90 प्रत्याशियों में से 33 ने अपनी शैक्षिक योग्यता पांचवीं व 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है। 49 उम्मीदवारों ने स्नातक व उससे अधिक पढ़े-लिखे होने की घोषणा की है। एक उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। पांच उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर तथा दो उम्मीदवारों ने शैक्षिक असाक्षर घोषित की है।उपचुनाव में युवा उम्मीदवारों की कमी नहीं है। 90 में से 36 उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है। 44 उम्मीदवारों की आयु 41 से 60 वर्ष के बीच तथा 10 उम्मीदवारों की आयु 61 से 70 वर्ष के बीच है।