लखनऊ।लोकसभा चुनाव में मिली हार से भयभीत भाजपा विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने की मुहिम ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। ताजा मामला जौनपुर के बदला विधायक रमेशचंद्र मिश्र और पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह के बयानों से जुड़ा है। हालांकि दोनों नेता 24 घंटे में ही अपने बयान से पलट गए हैं। दोनों नेताओं वीडियो के जरिए अपने बयान को तोड़मरोडक़र पेश किए जाने की बात कही है। पर राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों भाजपा नेता 24 घंटे में ही अपने बयानों से पलट गए। भाजपा के शीर्ष नेताओं के अलावा प्रदेश संगठन भी लोकसभा चुनाव में हार की लगातार समीक्षा कर रहा है। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि किस-किस विधायक या मंत्री के क्षेत्र में भाजपा को कम वोट मिले हैं। इस तरह से हो रही समीक्षा में खुल रही पोल ने ऐसे तमाम विधायकों और मंत्रियों की जनता पर ढीली पड़ती पकड़ को साबित कर रही है। ऐसे में इन विधायकों को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने टिकट की चिंता सताने लगी है। उधर बदला पुर विधायक रमेश चंद्र मिश्रा और पूर्व मंत्री सिंह के बयान के बाद अब भाजपा में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि एकाएक आखिर एक-एक करके विधायक अपनी ही सरकार को कठघरे में क्यों खड़ा कर रहे हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि सरकार को कठघरे में खड़ा करने को लेकर विधायकों के बीच मची होड़ पर भाजपा का शीर्ष और प्रदेश संगठन काफी नाराज है। सूत्रों की माने तो भाजपा के कुछ बड़े नेताओं ने दोनों नेताओं को फटकार लगाई है। इसी का नतीजा है कि दोनों नेताओं ने 24 घंटे में ही अपने बयानों से पलटते हुए सफाई पेश की है।