
जांजगीर । पामगढ़-ससहा मार्ग में नो एंट्री का नियम विशालकाय वाहनों के पहिए तले रौंदा जा रहा है। प्रवेश निषेध का बोर्ड जिम्मेदारों की उदासीनता को चिढ़ा रहा है और केवल शोपीस बनकर रह गया है। जिम्मेदार बेसुध हैं और भारी वाहन 24 घंटे दौड़ रहे हैं।
इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि प्रतिबंध के बाद भी भारी वाहन दौड़ रहे हैं और खराब हो जाने पर फंस रहे हैं। शनिवार रात करीब 11 बजे डोंगाकोहरौद मार्ग से गुजरते वक्त ट्रक और कैप्सूल वाहन एक साथ फंस गए। इसके बाद आवागमन बंद हो गया। जाम की स्थिति बन गई। सुबह वाहनों को सडक़ से हटाया गया तब जाकर आवागमन शुरु हुआ। गौरतलब है कि पामगढ़ -डोंगाकोहरौद-ससहा मार्ग में की जर्जर हालात को पिछले पांच-साल पहले जिला कलेक्टर के द्वारा इस मार्ग में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध किया था। इसके लिए पीडब्लयूडी विभाग और पुलिस विभाग को अमल कराने जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद भी आदेशों की धज्जियां उड़ रही है और धड़ल्ले से भारी और ओवरलोड वाहन दिन-रात इस मार्ग में दौड़ रहे हैं। पामगढ़ में प्रवेश निषेध का बोर्ड आज भी लगा हुआ है जो केवल शोपीस बनकर रह गया है। इधर इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। सडक़ की स्थिति और खराब हो रही है तो दूसरी ओर आए दिन भारी व वाहनों के फंसने से घंटों तक जाम में फंसना पड़ रहा है।
इस मार्ग में जिस तरह आए दिन विशालकाय वाहन गुजर रहे हैं, सडक़ों पर फंसने की घटना हो रही है, जाम लग रहा है इसके बाद भी जिम्मेदार बेसुध बने हुए हैं। जिससे शायद यही लग रहा है कि कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही जिम्मेदारों की नींद खुलेगी।
पामगढ़-ससहा मार्ग में भारी वाहनों के ऊपर कार्रवाई की जाती है। इसके लिए जल्द अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करेंगे।
राकेश सूर्यवंशी, थाना प्रभारी पामगढ़