
लखनऊ, ०७ दिसम्बर । स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर लेने वाली कंपनियों ने दो माह बाद भी तय शर्तों के अनुसार तीन प्रतिशत परफार्मेंस बैंक गारंटी जमा नहीं की है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कंपनियों द्वारा बैंक गारंटी जमा न किए जाने पर सवाल उठाए हैं। कहा है कि करीब 25,000 करोड़ का टेंडर लेने वाली कंपनियां जब तीन प्रतिशत बैंक गारंटी नहीं जमा कर पा रही हैं तो वह आगे कैसे काम कर पाएंगी।राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि सभी निजी घराने जिन्हें उच्च दर पर 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर दिया गया है, वह अब सबलेट कर मीटर का टेंडर निकाल रहे हैं। जिससे स्वत: अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे बिचौलिए के रूप में काम करेंगेउन्होंने कहा कि अभी भी समय है पावर कॉरपोरेशन को सभी कंपनियों को निर्देश देना चाहिए कि 4जी तकनीकी अब कुछ दिन के लिए ही है, इसलिए 5जी तकनीकी के ही मीटर लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि उच्च दर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर लेने वाले निजी घराने मीटर निर्माता कंपनियों से किस दर पर मीटर खरीदने जा रहे हैं यह स्पष्ट नहीं है। वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद की पूरे प्रकरण पर नजर है। यदि घटिया क्वालिटी के मीटर सप्लाई किए गए तो उपभोक्ता परिषद चुप नहीं बैठेगा।